टोटम का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएँ, एवं प्रकार

टोटम का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएँ, एवं प्रकार ( Meaning, Definition, Characteristics, and Types of Totem )

टोटम का अर्थ एवं परिभाषा - 

टोटम की परिभाषा करते हुए टॉबत लिखते हैं, " टोटम एक पदार्थ, प्रथा, एक पशु अथवा पौधा है जिसके प्रति एक सामाजिक समूह के सदस्य श्रद्धा भाव रखते हैं और जो यह अनुभव करते हैं कि उनके और टोटम के बीच भावनात्मक समानता का एक विशिष्ट बन्धन है ।


गोण्डन बीजर के अनुसार, “ गोत्रों में विभाजित अनेक आदिम जनजातियों में गोत्र नामक एक पशु, पौधा अथवा वस्तुओं के प्रति विशिष्ट मनोभाव रखते हैं । इसी को मानवशास्त्री टोटम कहते हैं । " उपर्युक्त परिभाषाओं से स्पष्ट है कि टोटम कोई पेड़ - पौधा, पशु - पक्षी या अनैतिक वस्तु हो सकता है, जिसे एक गोत्र के सदस्य विशेष श्रद्धा और सम्मान की दृष्टि से देखते हैं, उसकी पूजा और आराधना करते हैं । 


टोटम की विशेषताएँ 

विडिंगटन ने टोटम की विशेषताओं का उल्लेख इस प्रकार किया है-


( 1 ) टोटम के आधार पर गोत्र का नामकरण होता है । 

( 2 ) एक टोटमी समूह में कोई न कोई प्राचीन कथा ऐसी पर्याप्त होती है , में जिसमें मानव समूह का सम्बन्ध टोटम, पशु - पक्षी या पदार्थ से जोड़ा जाता है और इस आधार पर टोटम को पूर्वज के रूप में स्वीकार कर लिया जाता है । 

( 3 ) चूँकि टोटम समूह अधिकांशतः कोई गोत्र या अहिंसा ( गोत्र ) होता है , अतः इसके सदस्य बहिर्विवाह के नियमों द्वारा सम्बन्धित होते हैं । एक टोटम को मानने वाले अपने को भाई - बहिन समझते हैं , अतः वे परस्पर विवाह नहीं करते । 

( 4 ) यदि टोटम कोई प्राणी हो तो वे उसका चित्र शरीर पर गुदवाते हैं , टोटम के चित्र बनाकर घर में टाँगे जाते हैं । उसकी खाल विशेष अवसरों पर पहनी जाती है । उत्तरी - पश्चिमी अमरीका के समुद्रतटीय भागों में खम्भों पर टोटम की खुदाई की जाती है ।


टोटम के प्रकार 

विडिंगटन ने निम्नलिखित प्रकार के टोटमों का उल्लेख किया है -


( 1 ) गोत्र टोटम- जब गोत्र का कोई न कोई एक टोटम होता है तब उसे हम गोत्र टोटम कहते हैं । कभी - कभी एक भ्रातृ दल तथा अद्धांश का भी एक टोटम होता है । 

( 2 ) व्याक्तगत टोटम - कई समुदायों में व्यक्ति का अपना व्यक्तिगत टोटम भी होता है । 

( 3 ) लिंग टोटम - कई जनजातियों में एक ही गोत्र में स्त्रियों और पुरुषों के लिए अलग - अलग टोटम होता है । 

( 4 ) विभक्त टोटम - कई जनजातियों में पूरा गोत्र का कोई एक पशु - पक्षी टोटम न होकर उसका अंग विशेष टोटम होता है । 

( 5 ) बहुसंख्यक टोटम -कई जनजातियों में एक गोत्र समूह के एक से अधिक में टोटम देखने को मिलते हैं । उदाहरण के लिए बंगडा जनजाति में 36 गोत्र हैं और प्रत्येक गाँव के एक से अधिक टोटम हैं । एक टोटम प्रमुख और दूसरा द्वितीयक होता है।

इसे भी पढ़ें -

इसे भी पढ़ें...

You May Also Like This

इन्हे भी पढ़ना मत भूलियेगा -

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top