विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग के गुण एवं दोष ( merits and demerits of university education commission )
विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग के गुण
( 1 ) विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग ने विश्वविद्यालयों एवं कालेजों के छात्रों की संख्या सीमित रखने का जो सुझाव दिया है उससे शिक्षा का स्तर उन्नत होने के साथ-साथ विश्वविद्यालयों का वातावरण अच्छा होगा।
( 2 ) विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग की सिफारिशें प्राचीन परम्पराओं, नवीन परिस्थितियों एवं भावी आवश्यकताओं के अनुकूल हैं ।
( 3 ) विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग ने कृषि - विद्यालयों एवं ग्रामीण विद्यालयों की स्थापना का जो सुझाव दिया है वह बहुत ही मौलिक क्रान्तिकारी एवं प्रशंसनीय है ।
( 4 ) आयोग ने विश्वविद्यालयों की कक्षाओं में किसी भी प्रकार का स्वीकृत पाठ्यक्रम रखने का जो सुझाव दिया है वह भी बहुत उत्तम है । इससे एक तो विद्यार्थियों की रटने एवं संकुचित ज्ञान प्राप्त करने की प्रवृत्ति छूट जायेगी और दूसरे पाठ्यक्रम को स्वीकृति एवं प्रचलन के पीछे पाया जाने वाला भ्रष्टाचार कम होगा।
( 5 ) आयोग ने छात्र संघों को दलगत राजनीति से पृथक् रखने का जो सुझाव दिया है उससे छात्रों में फैली हुई अनुशासनहीनता की समस्या का समाधान होगा ।
विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग के दोष
( 1 ) आयोग का ललित कलाओं की शिक्षा के सम्बन्ध में मौन रहना उचित नहीं है ।
( 2 ) आयोग के स्त्री शिक्षा के सम्बन्ध में दिये हुए सुझाव अधिक प्रोत्साहनवर्धक नहीं हैं ।
( 3 ) विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग के धार्मिक शिक्षा के माध्यम के सम्बन्ध में प्रस्तुत सुझाव स्पष्ट नहीं हैं ।
( 4 ) आयोग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट अति विस्तृत है किन्तु उसकी सिफारिशों में वेतन - क्रम में सम्बन्ध में दिये गये घिसी - पिटी सुझाव वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए आकर्षक एवं व्यावहारिक नहीं हैं ।
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