लार्ड सभा | Lord Assembly In Hindi
लार्ड सभा कॉमन्स सभा के समान निर्वाचित सदन नहीं है। इसके लगभग 82 प्रतिशत सदस्य वंशानुगत होते हैं। लाई सभा के सदस्यों की संख्या निश्चित नहीं है । वह घटती - बढ़ती रहती है । इस समय इसकी सदस्य संख्या लगभग 1050 है यह विश्व का सबसे बड़ा विधायी निकाय है । लाई सभा के सदस्यों को निम्नलिखित छ वर्गों में विभाजित किया जा सकता है ।
( 1 ) राजवंश के सदस्य-
राजवंश के कुछ राजकुमारों को लार्ड सभा की सदस्यता प्रदान की जाती है । इस वर्ग के सदस्यों की संख्या किसी भी एक समय 3 या 4 से अधिक नहीं होता । ये लाई सभा के सबसे अधिक उदासीन सदस्य हैं ।
( 2 ) वंशानुगत या पैतृक पीयर-
दूसरी श्रेणी में वंशानुगत पीयर आते हैं । लार्ड सभा के सर्वाधिक सदस्य लगभग 81 प्रतिशत इसी श्रेणी में आते हैं । ' क्राऊन ' जिस व्यक्तियों को ' पीयर ' बनाता है , वे लार्ड सभा के सदस्य बन जाते हैं ।
( 3 ) स्कॉटलैंड के प्रतिनिधि पीयर-
सन् 1707 में जब स्कॉटलैण्ड इंग्लैंड के साथ मिलाया गया तब ' यूनियर एक्ट ' ( 1707 ) द्वारा यह व्यवस्था की गयी कि स्कॉटलैण्ड से बचे हुए पीयर प्रत्येक नयी संसद में सत्रारम्भ के समय अपने में से 16 पीयर चुना करेंगे जो कि लार्ड सभा के सदस्य होंगे । इनका कार्यकाल कॉमन्स सभा की अवधि के समान 5 वर्ष होगा अन्य सदस्यों के समान जीवन पर्यन्त नहीं ।
( 4 ) आध्यात्मिक लार्ड-
चौथे वर्ग में आध्यात्मिक लार्ड आते हैं । इनकी संख्या 26 है । इन्हें ' पीयर ' नहीं कहा जाता वरन् ' धर्मगुरु ' कहा जाता है। '
( 5 ) अपील के लार्ड अथवा कानूनी लार्ड-
इनकी संख्या १ है । लार्ड, सभा में कानूनी लार्डों का होना आवश्यक है क्योंकि लार्ड सभा ही ब्रिटेन का सर्वोच्च अपीलीय न्यायालय है । कानूनी लार्ड प्रसिद्ध विधि वेत्ताओं में से योग्यता के आधार पर चुने जाते हैं। ये आजीवन सदस्य होते हैं।
( 6 ) आजीवन पीयर-
पीयरों की यह अन्तिम श्रेणी 1958 के ' आजीवन पीयरेज ' अधिनियम के अन्तर्गत प्रारम्भ की गयी। इस वर्ग में अधिकतर भूतपूर्व प्रधानमंत्री, कैबिनेट मन्त्री, सेवा-निवृत्त उच्च प्रशासकीय अधिकारी तथा कला साहित्य, विज्ञान अथवा समाज - सेवा मन्त्री, सेवा-निवृत्ति उच्च प्रशासकीय अधिकारी तथा कला साहित्य विज्ञान अथवा समाज-सेवा के क्षेत्रों में से अत्यन्त प्रसिद्ध और अनुभवी व्यक्तियों को लार्ड सभा की सदस्यता प्रदान की जाती है।
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