Acharya Ramamurthy - आचार्य राममूर्ति समिति की सिफारिशें

आचार्य राममूर्ति रिपोर्ट के अनुसार सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में गिरावट के क्या कारण हैं?

( 1 ) समृद्ध वर्ग के लोग अपने बच्चों को ऐसे स्कूलों में भेजते हैं जहाँ अच्छे भवन, उपकरण, शिक्षक और शिक्षक स्तर अच्छा होता है । ऐसे वर्ग में सामान्य स्कूलों की मांग नहीं होती । इसके परिणामस्वरूप इन स्कूलों में हर तरह से पूँजी कम लगती है । आर्थिक संकट के कारण भी उनकी उन्नति नहीं हो सकी । 


( 2 ) राजकीय स्कूलों का शैक्षिक स्तर प्रायः निम्नस्तर का रहा है। 


( 3 ) देश में पब्लिक स्कूल, निजी प्रबन्धतन्त्रवाले अंग्रेजी माध्यम के स्कूल, कैपिटेशन फीस लेनेवाले स्कूल और परीक्षाओं के लिए तैयार करनेवाले महँगे स्कूल बड़ी संख्या में खुल गये हैं, इससे भी सार्वजनिक स्कूल प्रणाली की ओर से लोगों का मोह भंग हुआ है।


आचार्य राममूर्ति के अनुसार व्यावसायिक शिक्षा का लक्ष्य क्या होना चाहिए?

व्यावसायिक शिक्षा का लक्ष्य - इस शिक्षा का लक्ष्य राष्ट्रीय विकास के लिए जनशक्ति की आवश्यकताओं की पूर्ति करना तथा बेरोजगारी के लिए सामाजिक आवश्यकताओं को पूरा करना है । केवल व्यावसायिक दृष्टि से योग्य जनशक्ति ही अर्थव्यवस्था के समस्त क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ा सकती है, राष्ट्रीय सम्पदा का निर्माण कर सकती है, सामाजिक और आर्थिक स्थायित्व प्रदान कर सकती है तथा राष्ट्र के लिए समृद्धि ला सकती है ।


आचार्य राममूर्ति समिति की प्रमुख सिफारिशें ।


आचार्य राममूर्ति समिति , 1990 आचार्य राममूर्ति समिति की प्रमुख सिफारिशें निम्न हैं- 
1. बिना जाति - पाँति के भेदभाव , बिना मजहब के भेदभाव , बिना लिंग के भेदभाव शिक्षा की प्राप्ति हो , इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वित्त पोषित कार्यक्रम प्रारम्भ किये जायें । 
2. समान विद्यालयीय प्रणाली के क्रियान्वयन की दृष्टि से प्रभावी कदम उठाये जायें । 
3. ऐसी व्यवस्था की जाये कि सभी को शिक्षा प्राप्त करने के समान अवसर प्राप्त हों । 
4. प्रत्येक चरण पर प्रदान की जाने वाली शिक्षा का न्यूनतम स्तर निर्धारित किया जाय ।


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