वुड के घोषणा पत्र का महत्व तथा भारतीय शिक्षा पर प्रभाव
वुड के घोषणा पत्र का महत्व
वुड के घोषणा - पत्र का महत्त्व निम्न प्रकार है-
( 1 ) शिक्षा की विस्तृत योजना
( 2 ) शिक्षा की पूर्ण योजना ।
( 3 ) जन - शिक्षा को प्रोत्साहन ।
( 4 ) विश्वविद्यालयों की आधारशिला रखी ।
वुड घोषणा पत्र का भारतीय शिक्षा पर प्रभाव ।
भारतीय शिक्षा के इतिहास में वुड का ' घोषणा - पत्र ' बेजोड़ है । इसने भारतीय शिक्षा की बहुरूपता का अन्त करके उसे एकरूपता प्रदान की। इस ‘ घोषणा - पत्र ' के परिणामस्वरूप कलकत्ता, मद्रास और बम्बई में विश्वविद्यालयों की नींव पड़ी, सहायता - अनुदान प्रणाली प्रारम्भ की गयी; प्रत्येक प्रान्त में जन - शिक्षा विभाग स्थापित हुए, छात्रवृत्तियाँ दी जाने लगीं और सरकार शिक्षा पर अधिक धन व्यय करने लगी । अतः ' वुड के घोषणा - पत्र ' को ' भारतीय शिक्षा का महाधिकार - पत्र ' कहना युक्तिसंगत नहीं जान पड़ता है ।
वुड के घोषणा पत्र का स्त्री शिक्षा पर सुझाव
स्त्री शिक्षा - शिक्षा के विकास के लिए स्त्री शिक्षा का विकास अति आवश्यक है । सां शिक्षा को प्रोत्साहन देने की दिशा में सरकार द्वारा कृत प्रयत्नों के प्रति आज्ञापत्र में संतोष व्यक्त किया गया अतः स्त्री शिक्षा के प्रसार के लिए आज्ञा - पत्र में निम्नलिखित संस्तुतियाँ की गयीं
1. स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में भी सहायता अनुदान प्रणाली को लागू किया जाय ।
2. स्त्री शिक्षा के प्रसार के लिए धन देने वाले व्यक्तियों को सम्मान दिया जाय ।
वुड के घोषणा - पत्र का मूल्यांकन कीजिए
घोषणा-पत्र का मूल्यांकन - वुड का घोषणा पत्र भारतीय शिक्षा के इतिहास में विशेष महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है । इसके अनुसार सरकार ने प्रथम बार भारतीय शिक्षा के दायित्व को स्वीकार करते हुए शिक्षा सम्बन्धी नीति का निर्धारित कर सभी महत्त्वपूर्ण समस्याओं पर विचार किया है । उसमें यूरोपीय ज्ञान - विज्ञान के प्रसार , अंग्रेजी तथा देशी भाषाओं की शिक्षा का माध्यम बनाने, जन - शिक्षा भाग तथा क्रमबद्ध विद्यालयों की स्थापना, जन - शिक्षा का प्रसार, सहायता, अनुदान, शिक्षक शिक्षण, व्यावसायिक शिक्षा, प्राच्य साहित्य के प्रोत्साहन तथा शिक्षित व्यक्तियों को सरकारी नौकरियों पर नियुक्त करने की सिफारिश आदि बातों पर प्रकाश डाला गया है । इसलिए इन सभी से उसकी उपयोगिता स्वतःस्पष्ट होती है ।
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