राजा व राजमुकुट में अन्तर | Raja aur Rajamukut mein Antar
ब्रिटेन में संसदीय शासन है और इसकी यह विशेषता मानी जाती है कि इसमें कार्यपालिका के दो प्रमुख होते हैं- औपचारिक तथा वास्तविक। ब्रिटेन में औपचारिक कार्यपालिका प्रमुख की भूमिका सम्राट ( राजा ) अदा करता है , जबकि वास्तविक प्रमुख प्रधानमंत्री होता है । राज्य का अध्यक्ष नाममात्र का होता है और उसके हाथ में कोई वास्तविक शक्ति नहीं होती ।
इसलिए उसे कार्यपालिका का औपचारिक प्रधान कहा जाता है ब्रिटेन में वास्तविक कार्यपालिका व प्रशासकीय शक्तियों का प्रयोग प्रधानमंत्री व उसकी कैबिनेट द्वारा होता है । ' क्राउन ( राजमुकुट ) का अर्थ तथा अभिप्राय- क्राउन का अभिप्राय राज्य की सर्वोच्च कार्यपालिका शक्ति से है । ब्रिटेन में कभी राजा के पास क्राउन के साथ - साथ सभी अधिकार भी प्राप्त थे । किन्तु क्रमशः इन अधिकारों में कमी आती चली गई और ये मंत्रिमण्डल तथा संसद में निहित होते चले गये ।
राजा का वैयक्तिक स्वरूप कालान्तर में एक संस्था का हो गया । क्राउन का शाब्दिक अर्थ ताज है किन्तु वास्तव में यह राजपद का प्रतीक है । इसका दूसरा अभिप्राय सार्वजनिक संस्था है । इसके 2 अंग हैं— पराम्परागत तथा लोकतंत्रीय । परम्परागत अर्थ में राजा वंशानुगत रूप से पद ग्रहण करता है । लोकतंत्रीय रूप में मंत्रिमण्डल व संसद भी इसमें शामिल हैं ।
संक्षेप में सम्राट, मंत्रिमण्डल व संसद के सम्मिलित स्वरूप को राजमुकुट ( Crown ) कहते हैं । प्रो ० मुनरो के शब्दों में " क्राउन एक कृत्रिम तथा विधि - व्यक्ति है । यह न शरीर धारण करता है और न मरता है । " सर सिडनी लो के अनुसार " क्राउन सुविधाजनक काम चलाऊ परिकल्पना ( Convenient Working hyport hesis ) है । " ऑग तथा जिंक के शब्दों में- “ राजमुकुट राज्य की सर्वोच्च कार्यपालिका शक्ति है तथा इसमें राजा, संसद व मंत्रिगण शामिल हैं । "
राजा व राजमुकुट में अन्तर ( Difference between King and Crown )
राजा व राजमुकुट में निम्नलिखित अन्तर है -
1. राजा एक व्यक्ति है , राजमुकुट एक संस्था है-
राजा एक व्यक्ति है । जो राजमुकुट धारण करता है । वह उन शक्तियों का प्रतीक मात्र होता है , जो क्राउन में निहित है । जबकि राजमुकुट ( क्राउन ) एक संस्था है । जिसमें राजा की शक्तियों सहित अन्य शक्तियाँ भी शामिल हैं । यह एक पद है व शासन का मूर्त रूप है ।
2. स्थायी व अस्थायी का भेद-
क्राउन एक संस्था होने के नाते स्थायी होता है । राजमुकुट अमर तथा राजा मरणशील है । एक राजा मरता है , तो दूसरा आता है । यह क्रम सदैव चलता रहता है , पर क्राउन के एक पद होने के नाते उस पर इन सबका कोई प्रभाव नहीं पड़ता । तभी तो वहाँ यह कहावत प्रचलित है कि, “ राजा मर गया , पर राजा चिरायु हो । " राजा एक व्यक्ति के नाते जन्म लेता है व मरता है , किन्तु क्राउन एक संस्था होने के नाते इन सब बातों से परे हैं । ब्लैकस्टोन का यह कथन महत्वपूर्ण है कि " हेनरी एडवर्ड या जार्ज मर सकते हैं, पर राजा उन सबके बाद भी जीवित रहता है । " राजा व राजमुकुट के इसी अन्तर की पुष्टि करता
3. सामूहिक तथा वैयक्तिक कार्यपालक
राजमुकुट सामूहिक या बहुल कार्यकारिणी ( Plural Executive ) है , जबकि राजा वैयक्तिक कार्यपालिका है । राजमुकुट की शक्तियों का प्रयोग अनेक लोगों द्वारा होता है । ऑग व जिंक के शब्दों में , “ राजमुकुट राज्य की सर्वोच्च कार्यपालिका शक्ति है ता उसमें सर्वोच्च सत्तावान संसद व मंत्रिगण शामिल हैं । ” राजा एक व्यक्ति है जो कभी इन शक्तियों का प्रयोग स्वयं करता था , पर जो अब नाम मात्र का शासक है ।
4. शक्तिशाली व शक्तिहीन स्थिति-
क्राउन की स्थिति ब्रिटिश प्रशासन व राजनीतिक व्यवस्था में सर्वशक्तिशाली की है । वास्तविक शासन व जीवन में क्राउन ही शक्तिशाली है , क्योंकि राजतंत्र के लोकतंत्रीयकरण के साथ - साथ राज्य की
खपुर विश्वविद्य शक्तियों का हस्तान्तरण राजमुकुट को होता गया है व शासन की वास्तविक राजमुकुट में निहित होती गई हैं , जिनका आज मंत्रिमंडल करता है । जबकि राजा शक्तिहीन व प्रभावहीन होता चला गया है ।
5. संस्थागत एवं वैयक्तिक स्वरूप
क्राउन का एक संस्थागत स्वरूप है । राजमुकुट वस्तुतः एक ऐसी संस्था है जिसमें राजा के अतिरिक्त संसद , मंत्रिमंडल वैयक्तिक स्वरूप तथा शासन के अन्य अधिकारीगण भी शामिल हैं । अपने संस्थागत रूप में क्राउन शासन के क्षेत्र में सर्वशक्तिमान है ।
किन्तु एक व्यक्ति के रूप में वस्तुतः कोई शक्तियाँ प्राप्त नहीं । वह सिर्फ औपचारिकताओं का निर्वाह मात्र करता उसके नाम से शक्तियों का वास्तविक अर्थों में प्रयोग कोई दूसरा ही करता है । इस प्रकार दोनों में सूक्ष्म व महत्वपूर्ण अन्तर पाया जाता है । राजा को है ।