संविधान के प्रकार - Types of Constitution in Hindi

संविधान के प्रकार | Types of Constitution in Hindi

राजनीति विज्ञान के विद्वानों ने संविधान के अनेक वर्गीकरण किये हैं । इनके आधार पर संविधानों को तीन वर्गों में रखा जा सकता है -

( 1 ) संविधान की उत्पत्ति के आधार पर

( 2 ) संविधान में प्रथाओं और विधियों के अनुपात के आधार पर

( 3 ) संविधान संशोधन की विधि के स्वरूप के आधार पर

संविधान के प्रकार - Types of Constitution in Hindi
संविधान के प्रकार - Types of Constitution in Hindi

( 1 ) संविधान की उत्पत्ति के आधार पर -

उत्पत्ति के आधार पर संविधान को विकसित और निर्मित इन दो वर्गों में रखा जा सकता है -


( अ ) संविधान विकसित

विकसित संविधान वह है जो विभिन्न युगों के राजनीतिक विकास का परिणाम होता है । इस संविधान को किसी संविधान निर्मात्री सभा द्वारा नहीं बनाया जाता , बल्कि इसका शनैः शनैः विकास होता है । जैसे - जैसे शासन का स्वरूप विकसित होता है, उसी प्रकार संविधान का स्वरूप निखरता जाता है और ऐसे ही संविधान को विकसित संविधान कहते हैं । इस संविधान में परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तन होते हैं और यह संविधान मूलतः अलिखित होता है इसमें परम्पराओं, अभिसमयों , लोकाचारों और न्यायालय के निर्णयों आदि को विशेष महत्व दिया जाता है ।


अत्यन्त संक्षेप में हम कह कहते हैं कि जब किसी संविधान का निर्माण किसी एक समय पर न किया जाये , बल्कि , शनैः शनैः विकास के आधार पर ही वह अपना रूप धारण करें तो उसे हम विकसित संविधान के नाम से पुकारते हैं । इंग्लैंड का संविधान विकसित संविधान का एक सुन्दर नमूना 


( ब ) निर्मित संविधान

निर्मित संविधान वह संविधान है जिसका निर्माण मनुष्य द्वारा किया जाता है । संविधान सभा या संसद आदि के द्वारा किया जाता है । इसका निर्माण काफी विचार - विमर्श के बाद होता है । निर्मित संविधान एक लिखित संविधान होता है और इसमें शासन के आदर्श सिद्धान्तों का उल्लेख किया जाता है । निर्मित संविधानों का आदर्श नमूना अमेरिका का संविधान है । 


( 2 ) संविधान में प्रथाओं और विधियों के अनुपात के आधार पर

इस आधार पर दो प्रकार के संविधान माने गये हैं- लिखित और अलिखित संविधान । 


( अ ) लिखित संविधान

जब प्रशासन का संगठन और संचालन करने वाले नियम लिखित रूप में होते हैं तो इसे लिखित संविधान कहा जाता है । अमेरिका और भारत के संविधान लिखित हैं क्योंकि इन देशों के प्रशासन का संगठन और संचालन लिखित नियमों के आधार पर होता है । लिखित संविधान का आशय प्रशासन का निर्माण एवं संचालन करने वाले उन नियमों के समूह से है जो सरलता से परिवर्तित नहीं किये जा सकते और उसका संशोधन करने के लिये एक विशेष पद्धति को अपनाया जाता है । 


( ब ) अलिखित संविधान

जब प्रशासन के अंगों का संगठन कार्य संचालन और उनका पारस्परिक सम्बन्ध , रीति - रिवाजों , परम्पराओं तथा अलिखित नियमों के आधार पर निश्चित होता है तो इन नियमों के समूह को अलिखित संविधान कहा जाता है । गार्नर के शब्दों में— “ एक अलिखित संविधान उस सिद्धान्तों का समूह है जो सब लिखित रूप में नहीं होते और जो औपचारिक रूप से एक आलेख में सम्मिलित कर लिये जाते हैं । " इंग्लैंड का संविधान अलिखित संविधान है, क्योंकि वहाँ सरकार का संगठन अलिखित रीति - रिवाजों के द्वारा सम्पन्न होता है । 


( 3 ) संविधान में संशोधन की विधि के स्वरूप के आधार पर

संविधान का यह वर्गीकरण सबसे उचित और वैज्ञानिक है । संशोधन के तरीके के आधार पर संविधान का वर्गीकरण दो भागों में होता है- लचीला या सुपरिवर्तनशील संविधान और कठोर या दुष्परिवर्तनशीन संविधान । इसी वर्गीकरण को नमनीय ( लचीला ) और अनमनीय ( कठोर ) संविधान भी कहते हैं । 


( अ ) लचीला या सुपरिवर्तनशील या नमनीय संविधान

नमनीय संविधान को सुपरिवर्तनशील संविधान के नाम से पुकारते हैं । वह संविधान जो साधारण प्रक्रिया से आसानी से परिवर्तित किया जा सकता है उसे हम नमनीय संविधान के नाम से पुकारते हैं । साधारण प्रक्रिया का तात्पर्य यह है कि संसद अथवा विधान सभा संविधान में संशोधन करने हेतु उसी प्रकार की प्रक्रिया अपनायेगी जो साधारण कानून के निर्माण में अपनाती है ।


अतेव हम कह सकते हैं कि जब संविधान में संशोधन की प्रक्रिया साधारण कानून की प्रक्रिया के समान होती है तो नमनीय संविधान के नाम से पुकारते हैं । नमनीय संविधान को लचीले संविधान के नाम से पुकारा जाता है ब्रिटिश संविधान एक नमनीय संविधान है और वहाँ की संसद संविधान की किसी भी धारा में कोई भी परिवर्तन साधारण कानून लाने की प्रक्रिया द्वारा ही कर सकती है । 


( ब ) कठोर या दुष्परिवर्तनशील या अनमनीय संविधान संविधान

वह संविधान है जिससे कानून को साधारण प्रकिया द्वारा जाता हो । यह संविधान निश्चित एवं स्थिर होता है । अनमनीय परिवर्तित किया अनमनीय संविधान डॉ ० गार्नर ने की परिभाषा देते हुये लिखा है- ' जो भिन्न स्रोत से उत्पन्न होता है और पद में साधारण कानून से वैध दृष्टि में कहीं उच्च है । इसका संशोधन भी भिन्न प्रक्रिया से होता है ।


संयुक्त राज्य अमेरिका , स्विटजरलैंड आदि देशों के संविधान अनमनीय संविधान में संशोधन की प्रणाली अत्यन्त कठिन होती है इसलिए इसे अपरिवर्तनशील या कठोर प्रणाली के नाम से भी पुकारा जाता है । बहुधा यह देखा जाता है कि अनमनीय संविधान लिखित रूप में होता है परन्तु वह सदैव लिखित होगा ऐसा नहीं है।


इसे भी पढ़ें -


B.Ed Notes - महत्वपूर्ण लिंक


इसे भी पढ़ें...

You May Also Like This

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top