राष्ट्रीय महिला शिक्षा समिति, 1958 द्वारा नारी शिक्षा के लिए क्या सुझाव दिये गये?
राष्ट्रीय महिला शिक्षा समिति ( 1958 ) और नारी शिक्षा विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग का विषय - क्षेत्र केवल विश्वविद्यालय था ( और उसकी सिफारिशों पर अमल वैसे भी नाममात्र को ही हुआ ) अतः भारत सरकार ने स्त्री शिक्षा पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया जिसकी अध्यक्ष श्रीमती दुर्गाबाई देशमुख थीं, अतः इसे देशमुख समिति भी कहते हैं ।
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राष्ट्रीय महिला शिक्षा समिति, 1958 द्वारा नारी शिक्षा के लिए सुझाव |
इस समिति का कार्य स्त्री शिक्षा के प्राथमिक और माध्यमिक क्षेत्र में सुझाव देना था। प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापिकाओं का काफी अभाव था । 1959 ई ० में अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए इस समिति ने निम्नलिखित सुझाव दिये-
1. कुछ समय के लिए लड़कियों की शिक्षा को विशिष्ट समस्या के रूप में स्वीकार किया जाय, आने वाले वर्षों में उचित धन की व्यवस्था की जाय ताकि प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर लड़कियों के लिए अधिक शिक्षा - सुविधाएँ प्रदान की जा सकें ।
2. केन्द्रीय स्तर पर राष्ट्रीय महिला शिक्षा परिषद् की स्थापना की जाय और सम्बन्धित कार्यक्रमों के लिए विशिष्ट इकाइयाँ बनायी जायँ ।
3. प्रत्येक राज्य में 'राज्य महिला शिक्षा परिषद्' हो और लड़कियों की शिक्षा के लिए पृथक निदेशालय हो।
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