मध्यकालीन शिक्षा के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए। Objectives of Medieval Education in Hindi
मध्यकालीन शिक्षा के निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
1 . मध्यकालीन शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य इस्लाम धर्म का प्रचार करना था क्योंकि धर्म का प्रचार करना ( तबलीग ) मुसलमानों में धार्मिक कार्य माना जाता है। वे इसे पुण्य ( सवाब ) मानते थे। अतः मुसलमान शासकों ने धर्म प्रचार के लिए शिक्षा को प्राथमिकता दी थी ।
2. मध्यकालीन शिक्षा का एक उद्देश्य इस्लाम धर्म के अनुरूप व्यक्तियों में विशिष्ट नैतिकता का प्रचार करना था । मुस्लिम शासक अपनी विशिष्ट नैतिकता एवं संस्कृति के साथ भारत आये थे और उसे भारतीयों में भी प्रचलित करना चाहते थे ।
3. सांसारिक वैभव को प्राप्त करना भी मध्यकालीन शिक्षा का उद्देश्य है । इसके लिए मुस्लिम शासकों ने शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को नौकरियों में उच्च पद, सम्मान, तमगे और जागीरे प्रदान करने की घोषणा की थी। इससे लाभान्वित होकर मुस्लिम छात्रों के साथ ही बहुत से हिन्दू छात्रों ने भी मदरसों में शिक्षा ग्रहण करना प्रारम्भ कर दिया था । फलस्वरूप हिन्दू भी राज्य में उच्च पदों पर आसीन होकर सांसारिक वैभव प्राप्त करने लगे थे।
4. मुसलमानों में धार्मिक कट्टरता का समावेश करना मध्यकालीन शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य था । इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मकतब और मदरसे अधिकांशतः मस्जिदों के निकट या उनके एक हिस्से में ही खोले गये थे, ताकि छात्र, अन्य व्यक्तियों के साथ - साथ नमाज पढ़ सकें और धार्मिक भावना एवं वातावरण से प्रेरित हो सकें।
5. मुस्लिम श्रेष्ठता स्थापित करना मुस्लिम शासकों का अन्य उद्देश्य था । इसके लिए उन्होंने मुस्लिम सभ्यता, संस्कृति एवं आदर्शों की महत्ता का व्यापक प्रचार करने का प्रयास किया।
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