समाजीकरण और सामाजिक नियंत्रण के बीच सम्बन्ध | Relationship between socialization and social control
समाजीकरण की प्रक्रिया के द्वारा जीवधारी मानव सामाजिक प्राणी के रूप में परिणत होता है। इसके द्वारा व्यक्ति सामाजिक नियमों, जनरीतियों, आचरणों एवं प्रतिमानों को सीखता है। समाजीकरण की प्रक्रिया बचपन से ही आरम्भ हो जाती है । व्यक्तिवादी का विकास भी समाजीकरण की प्रक्रिया पर निर्भर है ।
इस प्रकार समाजीकरण एवं सामाजिक नियंत्रण दोनों के उद्देश्यों में समानता है और परस्पर घनिष्ठ सम्बन्ध है। सामाजिक नियंत्रण का कार्य वहाँ से आरम्भ होता है , जहाँ से समाजीकरण का कार्य समाप्त होता है। यह परस्पर एक दूसरे के पूरक हैं । समाजीकरण, समाजिक नियंत्रण का प्रमुख आधार है । व्यक्ति का जितना अधिक सामाजिक प्रतिमानों के अनुरूप समाजीकरण होगा, उसी अनुपात में समाज में सामाजिक नियंत्रण बना रहेगा।
सामाजिक नियंत्रण के द्वारा भी समाजीकरण से सहयोग प्रदान किया जाता है। इस सन्दर्भ में सामाजिक नियंत्रण समाजीकरण का एक साधन बन जाता है । सामाजिक नियंत्रण के साधन समाजीकरण की प्रक्रिया में सहयोग करते हैं । सामाजिक प्रतिमानों एवं जनरीतियों की अवहेलना करने पर सामाजिक नियंत्रण के अन्तर्गत व्यक्ति को समाज दण्डित करता है, परिणामतः व्यक्ति के विपथगामी व्यवहार पर रोक लगायी जाती है ।
समाजशास्त्री टाल्काट पारसन्स ( Talcott Parsons ) का कहना है " सामाजिक नियंत्रण विपथगामी प्रवृत्तियों की कली को फूल बनने से पहले ही कुचल देता है । " अन्तर सामाजीकरण एवं सामाजिक नियंत्रण में परस्पर घनिष्ठ सम्बन्ध होते हुए भी दोनों की अवधारणाओं को एक ही समजने की भूल हमें नहीं करनी चाहिए । दोनों के अर्थों में अन्तर है । इन दोनों के अन्तर को संक्षेप में दर्शाते हुए कहा जा सकता है
( 1 ) समाजीकरण में प्राथमिक समूहों का विशेष महत्त्व है, जबकि सामाजिक नियंत्रण में प्राथमिक एवं द्वितीयक दोनों प्रकार के समूहों का महत्त्व है।
( 2 ) दोनों के साधनों में भी समानता नहीं है। समाजीकरण में प्रशंसा एवं पुरस्कार जैसे सकारात्मक साधनों को अपनाया जाता है । इसके विपरीत सामाजिक नियंत्रण में कठोर दण्ड एवं कारावास जैसे नकारात्मक साधनों को भी अपनाया जाता है ।
( 3 ) समाजीकरण की प्रक्रिया शिशु स्तर से ही आरम्भ हो जाती है जबकि सामाजिक नियंत्रण एवं प्रक्रिया का प्रभाव युवा अवस्था स्तर पर विशेष रूप से देखने को मिलता है।
( 4 ) समाजीकरण का सम्बन्ध विशेष रूप से मनुष्य के आन्तरिक पक्ष से है, लेकिन सामाजिक नियंत्रण का सम्बन्ध व्यक्ति को अधिकतर बाह्य व्यवहार से है । यह बाह्य शक्ति के रूप में व्यक्ति के व्यवहार को नियंत्रित करता है ।
( 5 ) समाजीकरण की अपेक्षा सामाजिक - नियंत्रण का क्षेत्र अधिक व्यापक है । इस प्रकार संक्षेप में कहा जा सकता है कि समाजीकरण एवं सामाजिक नियंत्रण का परस्पर निकट का सम्बन्ध है। समाजीकरण के कारण सामाजिक नियंत्रण प्रभावशाली बन जाता है।
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