अच्छी फिटिंग वाले वस्त्रों की विशेषताएँ बताइये।
अच्छी फिटिंग की विशेषताएँ या महत्व- फिटिंग के लिए कुछ नियम तथा सिद्धान्तों को विशेष रूप से ध्यान में रखना चाहिए जो निम्नवत् है।
1. व्यक्ति के शरीर के विभिन्न भागों कि नाप सही प्रकार से लेना चाहिए।
2. व्यक्ति का नाप लेते समय दाहिने और खड़े होकर नाप लेना चाहिए।
3. व्यक्ति के सही फिटिंग के नाप लेने के लिए शरीर गठन सम्बन्धित विशेषताओं को ध्यान में रखकर लेनी चाहिए।
4. समस्त नाप एक क्रम में लेनी चाहिए जैसे-लम्बाई के नाप उनके बाद चौड़ाई गोलाई कि नाप लेनी चाहिये। उसके बाद तीरे तथा घेरे की चौड़ाई का नाप लेना चाहिए।
5. शरीर के समस्त भागों आदि नाप लेते समय जिन भागों की नाप गोलाई में ली जाती है। इंचटेप के बीच में दो या तीन अंगुलियों को रखकर नाप लेने चाहिए। इंच टेप से मुड़ा हुआ कटा-फटा न हो इस बात को पहले ही देख लेना चाहिए।
6. नाप लेने वाले व्यक्ति को अतिरिक्त वस्त्र जैस कि जैकेट स्वेटर चुन्नी नहीं रखना चाहिए। इससे नाप गलत हो जाती है।
7. यह ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी नाप छुटने न पाये अन्यथा वस्त्र की फिटिंग सही नहीं आयेगी।
8. पहनने पर परिधान न तो बहुत कसा होना चाहिए और न ही हिला।
9. कुर्ता कमीज आदि वस्त्रों में गला या कालर से बना होना चाहिये।
10. कंधा दोनों और गिरा हुआ, होना चाहिए अर्थात् न किसी ओर गिरा और न किसी ओर उठा होना चाहिए।
11. दोनों आस्तिन की लम्बाइ एक समान होनी चाहिए।
12. परिधान के जिस पर हिस्से पर चुनट दी गई हो, वह एक समान होना चाहिए ।
13. पहनने पर परिधान आगे और पीछे से समान लम्बाई का होना चाहिए।
14. वस्त्र न तो आगे की ओर उठा होना चाहिए पीछे की ओर जैसे- ब्लाउज में सलवार या पैन्ट की मोहरी बराबर होनी चाहिए। और न ही इतनी टाईट हो कि बैठने पर परेशानी हो।
अतः सभी नाप के क्रमानुसार की जानी चाहिए और शरीर के विभिन्न अंगों का नाप को तीन वगों में बाँटा गया है तो इस प्रकार है-
1. लम्बाई की नाप
2. चौड़ाई की नाप
3. गोलाई की नाप
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