पेपरकटिंग - पेपरकटिंग की उपयोगिता व महत्त्व
प्रयोगात्मक परीक्षा एवं द्वितीय प्रश्न-पत्र का आपस में बहुत निकट सम्बन्ध है। बिना कपड़े को काटे वस्त्र सिला नहीं जा सकता और बिना वस्त्र का रेखाचित्र (Diagram) बनाये सही ढंग से वस्त्र काटा नहीं जा सकता क्योंकि प्रयोगात्मक परीक्षा में कपड़े पर डाइग्राम बनाने से लेकर वस्त्र को सिलकर तैयार करने तक समस्त क्रियाएँ करनी होती हैं उनमें से पेपर कटिंग करना भी आवश्यक कार्य है विभिन्न प्रकार के वस्त्रों के रेखा चित्र निश्चित नाप द्वारा कागज पर बनाकर काटने को नमूना (पैटर्न) कहते हैं।
वस्त्रों में नमूनों, ब्लॉक तथा निशान बनाकर कई प्रकार से काटा जाता है। वस्त्र का नमूना बनाकर उसके आकार तथा शक्ल के अनुरूप कागज काटकर उसकी सहायता से कपड़े काटना ही सिलाई कला में पेपर कटिंग कहलाता है।
पेपर कटिंग के लिये सबसे अधिक उपयुक्त कागज बासी कागज होता है। बासी कागज अधिक मजबूत एवं टिकाऊ होता है।
नमूना या पैटर्न बनाने की विधि
कपड़ा काटने से पूर्व पैटर्न बनाना पड़ता है पैटर्न वस्त्र की नाप के अनुसार कागज पर वस्त्र का रेखाचित्र बनाकर काटा जाता है। वस्त्र में रखा जाने वाले दबाव के लिए अधिक कपड़ा पैटर्न में नहीं दर्शाया जाता। पैटर्न की सहायता से वस्त्र पर रेखा चित्र बनाते समय दबाव के लिए अतिरिक्त रखे जाने वाले दबाव को अतिरिक्त रेखाओं से दर्शाए जाते हैं।
पैटर्न कटिंग से पूर्व यह अवश्य जान लेना चाहिए कि वस्त्र के रेखा चित्र में सीवन के लिए कुछ अतिरिक्त अधिक कपड़ा रखने की आवश्यकता है अथवा नहीं यदि हो तो सीवन के लिए कुछ छूट अवश्य रखें। इससे कपड़े की फिटिंग ठीक आयेगी। सीवन वाली रेखा को बिन्दुदार रेखाओं से बना लेना चाहिए। जिस किसी भी स्टाइल अथवा फैशन का वस्त्र बनाना ही उसके अनुरूप कालर कफ जेब आदि के डिजाइन का आकार, भी पैटर्न पर ही बना लेना चाहिए। वस्त्र के समस्त उन भागों पर जहाँ अधिक दबाव रखा जाता है दबाव वाले भाग को दाँतेदार कैंची से काट लेना चाहिए। वस्त्र के कटे किनारे को सारजू सिलाई के द्वारा बाँध दिया जाता है।
पेपर कटिंग की उपयोगिआत व महत्त्व
1. पैटर्न की सहायता से वस्त्र की कटिंग सुविधाजनक हो जाती है तथा कपड़ा काटने वाले को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होती। रेडीमेड वस्त्र बनाने वाली कम्पनियाँ भी पैटर्न के सहारे ही वस्त्र काटती हैं क्योंकि उन्हें एक नाप तथा एक ही डिजाइन के एक समय में अनेक वस्त्र काटने होते हैं। पैटर्न की सहायता से एक समय ये तले ऊपर रख कर कपड़े की अनेकों पतों को एक साथ काट कर समय की बचत भी की जा सकती है।
2. पैटर्न की सहायता से काटे जाने वाले वस्त्र में सफाई रहती है तथा कपड़ा गन्दा होने नहीं पाता।
3. पैटर्न की सहायता से वस्त्र काटने पर वस्त्र की बचत होती है। पोशाक के लिए आवश्यक लेने के पश्चात् शेष कपड़े को अनावश्यक बर्बाद न करके बचाया जा सकता है।
4. वस्त्र को काटने से पूर्व पैटर्न के द्वारा यह देखा जा सकता है कि अमुक कपड़े से अमुक वस्त्र किस प्रकार निकाला जा सकता है तथा कपड़े पर कैंची चलाने के पूर्व खूब अच्छी तरह देखा जा सकता है कि वह पोशा उस वस्त्र में बन सकती है अथवा नहीं।
5. कपड़ा काट लेने के पश्चात पैटर्न को अपने पास ही सुरक्षित रखना चाहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर पुनः उसका उपयोग किया जा सेक। इससे समय तथा परिश्रम दोनों ही की बचत होगी।
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