ढाका की मलमल | Dhaka Muslin
ढाका में सबसे सूक्ष्म एवं बारीक मलमल के वस्त्र बनाये जाते थे, जो कि विश्वविख्यात थे। ढ़ाका की मलमल के बारे में ऐसा कहा जाता है कि पूरे थान को केवल एक छोटी से अंगूठी में से निकाला जा सकता था।
ढाका की मलमल के बारे में कहा जाता है कि पूरे थान को एक दियासलाई की डिब्बी में रखा जा सकता था । पूरे मेहनत एवं लगन के साथ यदि बुनकर काम करता था तो वह केवल 5 गज वस्त्र ही 5 महीने में बुन पाता था।
वस्त्रों के गुण उसकी सुन्दरता , अलौकिकता एवं उत्कृष्टता के आधार पर कलाकार उन्हें कई प्रकार के सुन्दर-सुन्दर नामों से अलंकृत करता था।
जैसे — आब-ए-रवां या बहता पानी, वफ्ते हवा यानी हवा से भी हल्का शबनम ( ओस ) मलमल खास। ढ़ाका की सबसे महीन मलमल खास है । इसमें इसके बानों की संख्या 1,000 से 1,800 तक हुआ करती थी।
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