घरेलू लिनन: इसके रख-रखाव का वर्णन कीजिये?

घरेलू लिनन की एक सूची बनाइये और इसके रख-रखाव का वर्णन कीजिये?

घरेलू लिनन-लिनन के वस्त्र अत्यन्त सुन्दर, मजबूत, टिकाऊ तथा कोमल होते हैं। अतः घरेलू वस्त्रो में इनका उपयोग किया जाता है। गृह परिसज्जा के वस्त्र प्रायः 'लिनन' के ही बनाये जाते हैं। चादर पिलो कवर, टावेल, मेजपोश, रुमाल, ट्रे कवर, बेडशीटकवर, परदे आदि अलंकरण के आवरणों में लिनन के वस्त्रों का ही प्रयोग किया जाता है।

घरेलू लिनन: इसके रख-रखाव का वर्णन कीजिये?

लिनन के घरेलू वस्त्रों को सादी तथा बॉस्केट बुनाई द्वारा बनाया जाता है। ट्वील बुनाई द्वारा लिनन के घरेलू वस्त्र ड्रपरी और पर्दे बनाये जाते हैं। मेजपोश और ड्रपरी हेतु दमस्क जेकार्ड नमूने द्वारा बनाये जाते हैं जिसमें सेटिन बुनाई की जाती है। घरेलू लिनन पर घास द्वारा एवं रासायनिक ब्लीचिंग द्वारा परिसज्जाएँ की जाती हैं। लिनन के वस्त्र को घरेलू वस्त्रों में प्रयुक् किये जाने का प्रमुख कारण यह है कि लिनन पर कभी रोएँ नहीं उठते हैं। घरे लिनन को शिकन प्रतिरोधी बनाने हेतु शिकन प्रतिरोधकता डाला जाता है जिसः वस्त्रों में प्रतिस्कंदन का गुण आ जाता है।


घरेलू लिनन का रख-रखाव


लिनन के रेशे में 6-8% तक नमी होती है यह नमी को शीघ्रता से सोख लेता है तथा यह नमी सम्पूर्ण कपड़े में फैल जार है। यद्यपि यह नमी शीघ्रता से सूख जाती है, लेकिन फिर भी घरेलू लिनन। वस्त्र को अधिक नमी के वातावरण में नहीं रखना चाहिये। घरेलू लिनन के व पर रगड़ने, पटकने अथवा पीटने का नकारात्मक प्रभाव यद्यपि नहीं पड़ता। लेकिन घरेलू लिनन के वस्त्र जहाँ से मुड़े होते हैं, वहाँ अत्यधिक रगड़ने से फ् जाते हैं।


अतः लिनन के वस्त्रों को अत्यधिक रगड़ना, पीटना, पटकना न चाहिये। लिनन के वस्त्रों में सलवटें शीघ्र आ जाती हैं तथा ये शीघ्रता से क्रश। जाते हैं। अतः लिनन के वस्त्रों को प्रेस के माध्यम से शिकन से बचाना चाहिय लिनन के वस्त्रों को साफ करते समय रासायनिक ब्लीच का प्रयोग नहीं कर चाहिये क्योंकि इससे लिन की मजबूती पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।


लिनन साफ करने के लिये घास द्वारा ब्लीचिंग का ही प्रयोग श्रेयस्कर रहता है। घरे लिनन की मजबूती बनाये रखने के लिये इसकी तहों में प्रेस नहीं करना चाहिर जैसे-रुमाल को पहले चपटा फैलाकर प्रेस करना चाहिये और बाद में हाथ से किया जाना चाहिये, किन्तु तहों पर प्रेस नहीं करना चाहिये। लिनन हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से ब्लीच नहीं किया जाना चाहिये। इससे घरेलू लिनन: मजबूती एवं चमक पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। घरेलू लिनन के वस्त्रों बहुत ज्यादा मोड़ना एवं सिलाई की तरफ से खींचना ठीक नहीं होता है क्यों लिनन में लोचमयता कम होती है।


अतः बहुत ज्यादा मोड़ने और खींचने से इस फट जाने का खतरा रहता है। घरेलू लिनन को प्रेस करते समय वस्त्र को भा प्रकार आर्द्र कर लेना चाहिये या वाष्प प्रेस उपयोग में लाया जाना चाहिये क्यों यह कड़ा होता है। वस्तुतः घरेलू लिनन की बनावट के कारण इसकी शुष्क धुल की जानी चाहिये। लिनन को अत्यधिक गर्म पानी के साथ नहीं धोना चाहिये त अत्यधिक तापक्रम पर इसे प्रेस करना भी हानिप्रद है।


घरेलू लिनन के वस्त्र को अधिक समय तक खुला नहीं रखना चाहिये अन्य धीरे-धीरे नष्ट होने लगता है। घरेलू लिनन के वस्त्र सेल्यूलोज तन्तु से बने होते अतः ये फफूँद द्वारा प्रभावित होते हैं। इन्हें फफूँद से बचाना चाहिये। अर्ल पसीने से लिनन नष्ट हो जाता है। क्षारीय पसीना लिनन पर नकारात्मक प्रभाव यद्यपि नहीं डालता हैं किन्तु दोनों ही स्थितियों में लिनन के वस्त्र का रंग खराब हो जाता है।


अतः लिनन के वस्त्र का प्रयोग करने के बाद उन्हें धोकर डाल देना ठीक रहता है। घरेलू लिनन पर अम्ल का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, यदि दाग- धब्बे छुड़ाने हेतु अम्ल का प्रयोग घरेलू लिनन पर आवश्यक ही हो तो दाग-धब्बे छुड़ाने के पश्चात् तुरन्त ही वस्त्र को अच्छी प्रकार से साफ पानी से खंगालकर पूर्णतः अम्ल रहित कर देना चाहिये।


घरेलू लिनन पर तनु अम्ल का भी अधिक देर तक प्रभाव रहना वस्व को कमजोर बनाता है। घरेलू लिनन को कड़े साबुनों के प्रयोग से साफ करने पर इसमें कड़ापन एवं पीलापन आ जाता है। अतः घरेलू लिनन को धोते समय कड़े साबुनों का प्रयोग नहीं करना चाहिये।


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