शैक्षिक तकनीकी तथा शिक्षण तकनीकी - Educational Technology and Teaching Technology

शैक्षिक तकनीकी तथा शिक्षण तकनीकी ( Educational Technology and Teaching Technology )

शैक्षिक तकनीकी व्यापक शैक्षिक तकनीकी प्रणाली की एक उपप्रणाली है। शैक्षिक तकनीकी का स्वरूप बहुत व्यापक है। वह सम्पूर्ण शिक्षा जगत से सम्बन्ध रखती है, जबकि शिक्षण तकनीकी शिक्षक के कक्षा शिक्षण सम्बन्धी कार्यों व विभिन्न क्रियाओं तक ही सीमित है। शिक्षण एक कला एवं विज्ञान दोनों ही है । शिक्षण के कौशल को अधिक निखार लाने, अधिक प्रभावशाली, विश्वसनीय और वस्तुनिष्ठ बनाने के लिए सामान्य मनोवैज्ञानिक सिद्धान्तों , विधियों, सामग्री आदि का प्रयोग करते हैं ।


शिक्षण तकनीकी हो अधिगम उद्देश्यों को प्रभावशाली बनाने के लिए इन सभी नियमों, सिद्धान्तों, विधियों एवं सामग्री आदि का उचित चयन, नियोजन, आयोजन या संगठन, नियन्त्रण एवं मूल्यांकन करती है अर्थात् शिक्षण तकनीकी शिक्षण कार्य को आवश्यक सैद्धान्तिक और क्रियात्मक आधार प्रदान कर अधिक से अधिक प्रगति की ओर ले जाने का कार्य करती है और शैक्षिक तकनीकी उपरोक्त सभी नियमों, सिद्धान्तों, विधियों, सामग्री आदि सभी तत्त्वों से सम्बन्धित नवीन खोजों, अन्वेषण एवं अनुसन्धान कार्य आदि की व्यवस्था करती है।

Educational Technology and Teaching Technology

जिससे समयानुसार नवीन से नवीन शिक्षण पद्धति शिक्षा के विकास कार्य के लिए प्रयोग में लाई जा सके तथा शिक्षण तकनीकी को शिक्षण के स्मृति-स्तर ( Memory level ) से लेकर बोध - स्तर ( Understanding level ) और चिन्तन स्तर ( Reflective level ) तक पहुँचाया जा सके और शिक्षा के ज्ञानात्मक , भावात्मक एवं क्रियात्मक ( Cognitive, Affective and Psycho motor Objectives ) उद्देश्यों को भली-भाँति प्राप्त किया जा सके । 


शैक्षिक तकनीकी का आधुनिक शिक्षा में प्रयोग : शैक्षिक तकनीकी के लाभ ( Role of Technology in Modern Educational Practices : Merits of Educational Technology )


1. शैक्षिक तकनीकी, शिक्षण कार्य को उद्देश्य केन्द्रित बनाने में तथा छात्र केन्द्रित रखने में सहायता एवं प्रभावशाली निर्देशन प्रदान करती है ।

2. शैक्षिक तकनीकी, छोटे तथा बड़े समूह में एवं व्यक्तिगत स्तर पर भी, शिक्षण एवं अधिगम सम्बन्धी उद्दीपन तथा अनुक्रिया प्रदान करके, शिक्षक की गुणात्मक योग्यता का विस्तार करती है ।

3. शैक्षिक तकनीकी, शिक्षक को पाठ प्रस्तुतीकरण को प्रभावशाली बनाने में सहायता करती है ।

4. शैक्षिक तकनीकी, शिक्षण - प्रक्रिया को सरल , सुगम तथा रोचक बनाकर छात्रों के ज्ञान एवं अनुभव की वृद्धि में सहायक होती है ।

5. शैक्षिक तकनीकी, शिक्षण में विविधता लाने के लिए विभिन्न विधाओं एवं साधनों का प्रयोग करती है ।

6. शैक्षिक तकनीकी छात्रों की कक्षा कार्य में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करती है ।

7. शैक्षिक तकनीकी शिक्षक को ऐसी प्रक्रियाओं और साधनों का ज्ञान देने का प्रयास करती है जो उपचारात्मक शिक्षण , शोध तथा अन्य सम्बन्धित कार्यों में मदद देती है ।

8. स्व - अनुदेशित कार्यक्रमों ( Self - Instructional Programmers ) के माध्यम से शैक्षिक तकनीकी व्यक्तिगत अनुदेशन ( Individual Instruction ) के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है ।

9. शैक्षिक तकनीकी शिक्षण - अधिगम - प्रक्रिया को अधिक जीवन्त , रोचक , प्रेरक तथा सक्रिय बनाकर शिक्षण में सुधार लाकर , शिक्षण की गुणवत्ता में वृद्धि करती है ।

10. शैक्षिक तकनीकी , जनसंचार के साधनों का उपयोग करते हुए दूर - दराज क्षेत्रों में एक साथ बहुत बड़ी जनसंख्या तक पत्राचार तथा दूरस्थ शिक्षा आदि के द्वारा शिक्षा पहुँचाने में सहायता देती है ।

11. शिक्षार्थियों के आर्थिक , सामाजिक तथा भौगोलिक स्तर पर बिना ध्यान दिये शैक्षिक तकनीकी सभी के लिए समान शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए एक शक्तिशाली साधन है ।

12. टेलीविजन , रेडियो , कैसेट , वीडिओ आदि साधनों के माध्यम से शैक्षिक तकनीकी सेवारत ( Inservice ) शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए अनवरत शिक्षा के द्वार खोलती है ।

13. शैक्षिक तकनीकी घर में बैठे - बैठे उपाधियाँ प्राप्त करने में सहायक होती हैं ।


शैक्षिक तकनीकी की सीमाएँ ( Limitations of Educational Technology )


ये सीमाएँ इस प्रकार हैं शैक्षिक तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में जहाँ बहुत लोकप्रिय हो रही है , वहाँ इसकी सीमाएँ भी हैं ।


1. शैक्षिक तकनीकी ने ज्ञानात्मक पक्ष के विकास में अभूतपूर्व योगदान प्रदान किया है, परन्तु भावात्मक एवं संवेगात्मक क्षेत्र में इसका योगदान अत्यन्त सीमित है । भावात्मक पक्ष का विकास केवल शिक्षकों के द्वारा ही सम्भव है । 


2. शैक्षिक तकनीकी के प्रयोग के लिए प्रारम्भ में बड़ी संख्या में धनराशि तथा साधनों की आवश्यकता होती है । इसमें अनेक प्रकार की सामग्री खरीदनी पड़ती है , विभिन्न प्रकार के प्रबन्ध करने होते हैं , फलस्वरूप प्रारम्भिक व्यय की धनराशि काफी ज्यादा हो जाती है , अध्ययनों से स्पष्ट है । जिसके लिए अनेक दिक्कतें आती हैं । यद्यपि बाद में यह सारा व्यय छात्रों को बड़ी संख्या में शिक्षित करने को देखते हुए अपेक्षाकृत कम ही होता है । यह तथ्य अनेक मूल्य - विश्लेषण के लाभ उठा नहीं पाते । 


3. शैक्षिक तकनीकी के प्रयोग के लिए विशेष प्रकार के प्रशिक्षण की व्यवस्था अति आवश्यक है । इस प्रशिक्षण के बिना शिक्षक कम्प्यूटर , इण्टरनेट आदि का सही ढंग से पूरा नहीं है । 


4. शैक्षिक तकनीकी के द्वारा सभी प्रकार की शैक्षिक समस्याओं का समाधान सम्भव कार्य करती है । 


5. शैक्षिक तकनीकी व्यक्ति को मशीन की भाँति लगभग एक यन्त्र के रूप में बदलने का कार्य करती है ।


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