स्कूली शिक्षा में जवाबदेही से सम्बन्धित वर्ग अथवा व्यक्ति

स्कूली शिक्षा में जवाबदेही से सम्बन्धित वर्ग अथवा व्यक्ति ( Individual and Groups Relating to School Accountability )

जवाबदेही के ऊपर लिखित तत्त्व एक - दूसरे से जुड़े हुए हैं । पूरे तौर पर इन्हें अलग अलग करना बहुत कठिन है । उदाहरणार्थ, जवाबदेही लेने वाला व्यक्ति किसी को जवाबदेह भी होता है । यदि अध्यापक प्रधानाचार्य को जवाबदेह है तो प्रधानाचार्य भी विभागीय अधिकारियों को या विद्यालय प्रबन्ध समिति को । इसी प्रकार प्रबन्ध समिति भी अन्य सदस्यों को जवाबदेह है ।


स्कूली शिक्षा से सम्बन्धित निम्न प्रकार के वर्ग आते हैं जो इसके प्रति जवाबदेह हैं -

1. शिक्षा के विभिन्न पक्षों की समीक्षा करने वाले तथा संस्तुतियाँ देने वाले शिक्षा आयोग तथा समितियाँ । 

2. शिक्षा आयोगों तथा समितियों द्वारा की गयी संस्तुतियों की समीक्षा करने वाले शिक्षाविद् तथा अन्य इससे जुड़े हुए लोग । 

3. राष्ट्रीय तथा राज्यीय शिक्षा नीति बनाने वाले । 

4. शिक्षा नीति को मंजूरी देने वाले अर्थात् संसद के सदस्य । 

5. उच्च शिक्षा अधिकारी , जैसे — शिक्षा सचिव तथा शिक्षा निदेशक आदि । 

6. शिक्षा के विभिन्न पक्षों को देखने वाले , जैसे- पाठ्यक्रम निर्माण करने वाले ।

7. राज्य शिक्षा संस्थान आदि । 

8. शिक्षा निरीक्षक आदि । 

9. विद्यालयों की प्रबन्ध समितियाँ ( मान्यता प्राप्त स्कूलों के सन्दर्भ में ) । 

10. शिक्षा / परीक्षा बोर्ड परीक्षा लेने वाले । 

11. अध्यापकों का प्रशिक्षण करने वाले । 

12. अध्यापक । 

13. अभिभावक । 

14. छात्र । 

स्कूली शिक्षा में जवाबदेही से सम्बन्धित वर्ग अथवा व्यक्ति
इस प्रकार हम देखते हैं कि शिक्षा के नियोजन , संचालन प्रबन्धन तथा क्रियान्वयन आदि से अनेक पक्ष जुड़े रहते हैं । इन सभी का किसी न किसी रूप में तथा मात्रा में उत्तरदायित्व है तथा जवाबदेही भी । परन्तु व्यावहारिक रूप में प्राय : स्कूली शिक्षा में प्रधानाध्यापक तथा अध्यापकों को ही जवाबदेह माना जाता है । थोड़ी बहुत जिम्मेदारी निरीक्षकों पर डाल दी जाती है । अन्य सभी पक्ष जवाबदेही से प्रायः छूट जाते हैं ।

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शिक्षकों की जवाबदेही ( Accountability of Teachers )


शिक्षकों की जवाबदेही निम्न तत्त्वों के सन्दर्भ में की जानी चाहिए न कि केवल परीक्षा परिणाम के आधार पर 

1. छात्रों का चारित्रिक विकास 

2. प्रभावशाली शिक्षण अधिगम 

3. पाठ्यक्रम का विकास एवं संचालन 

4. व्यक्तिगत अन्तरों का निराकरण तथा विकास 

5. कक्षा प्रबन्ध 

6. छात्र तथा अन्य अभिलेखों का रखना 

7. पाठान्तर क्रियाओं का आयोजन 

8. छात्रों का शैक्षिक तथा व्यावसायिक मार्गदर्शन 

9. छात्रों के कार्य का मूल्यांकन 

10. विद्यालय में मानवीय सम्बन्ध स्थापित करना 

11. प्रभावी सामुदायिक सम्बन्ध 

12 .विभागीय नियमों का पालन 

13. व्यावसायिक विकास 

14. सम्पूर्ण विद्यालयीय व्यवस्था में भागीदारी 

15. परीक्षाफल


अध्यापकों की जवाबदेही प्राय : दो विधियों से निर्धारित की जाती है -

( i ) निरीक्षकों की रिपोर्ट 

( ii ) प्रधानाचार्य द्वारा दी गई वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट


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