निरौपचारिक अभिकरण के गुण और दोष

निरौपचारिक अभिकरण के बारे में बताते हुए उसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिए।

शिक्षा के निरौपचारिक (नान फारमल) अभिकरण (Non Formal Agencies of Education)


निरौपचारिक शिक्षा वास्तव में औपचारिक और अनौपचारिक अभिकरणों के मध्य की स्थिति है। शिक्षा के निरौपचारिक अभिकरण वे अभिकरण है जिनमें बालक कई क्षेत्रों से नियन्त्रित होता है और कई क्षेत्रों में अनियन्त्रित होता है।

निरौपचारिक अभिकरण के गुण और दोष
निरौपचारी अभिकरण परम्परागत विद्यालयी शिक्षा के बाहर किया गया एक ऐसा अभिप्राय है जिसमें पाठ्य विषय, माध्यम, समय-विभाजन, प्रवेश, शिक्षक, संगठन आदि के चयन तथा अनुकूलन, विशिष्ट प्रकार की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था सम्बन्धी प्रतिबन्धों को न्यूनतम रखने तथा शैक्षिक लक्ष्यों को प्राप्ति अधिकतम करने के उद्देश्य से किया जाता है।


निरौपचारिक शिक्षा में छात्र निश्चित होते हैं लेकिन उनकी आयु सीमा पर कोई बन्धन नहीं होता। पाठ्यक्रम निश्चित होता है और लिखित पार्टी के माध्यम से शिक्षण होता है। इसमें शिक्षा देने वाले और शिक्षा ग्रहण करने वालों के बीच कोई प्रत्यक्ष सम्बन्ध नहीं होता। निरौपचारिक शिक्षा, औपचारिक तथा अनौपचारिक शिक्षा को विरोधी नहीं होती बल्कि उसकी सहयोगी होती है।


निरोपचारिक अभिकरण छात्र जो सीखना चाहे, जब सौखना चाहे और जहां सीखना चाहे के सिद्धान्त पर आधारित है। इस प्रकार से कहा जा सकता है कि निरौपचारिक अभिकरण से अभिप्राय उस शिक्षा से है जो हर परिस्थिति में, हर समय, हर स्थान पर औपचारिक तथा अनौपचारिक रूप से मनुष्य को कुशलतापूर्वक जीवन यापन करने की तैयारी कराती है।


निरौपचारिक अभिकरण के गुण (Merits of Non Formal Agencies) 


1. निरौपचारिक अभिकरण छात्र केन्द्रित होता है। 

2. निरौपचारिक अभिकरण छात्रों को शिक्षा संस्थाओं के तनावपूर्ण वातावरण को दूर रखते हैं।

3. निरौपचारिक अभिकरण में समय व स्थान का बन्धन न रहने के कारण स्वतंत्रता पाई जाती है।

4. निरौपचारिक अभिकरण का ढांचा निश्चित होता है। 

5. निरौपचारिक अभिकरण औपचारिक अभिकरण से अलग हुए प्रौढ़ों के लिए अध्ययन के अवसर उपलब्ध कराते है। 

6. निरौपचारिक अभिकरण के द्वारा शिक्षा प्राप्त करने में धन की बचत होती है। 

7. निरौपचारिक अभिकरण में शिक्षा का पाठ्यक्रम निश्चित होता है जिससे छात्र अपने उद्देश्य के प्रति सचेत होते हैं। 

8. निरोपचारिक अभिकरण औपचारिक शिक्षा पर बढ़ती जनसंख्या के दबाव को कम करता है।


निरौपचारिक अभिकरण के दोष (Demerits of Non Formal Agencies)


1. निरौपचारिक अभिकरण में व्यक्तिगत अध्ययन के अधिक अवसर प्राप्त होते हैं।

2. निरौपचारिक अभिकरण में बालकों के पास प्रदत्त कार्य समय से न पहुंचने से अध्ययन कार्य में बाधा पहुंचती है।

3. निरौपचारिक अभिकरण में व्यक्तियों में समूह भावना का विकास नहीं हो पाता। 

4. निरौपचारिक अभिकारण में शिक्षा देने वाले और शिक्षा ग्रहण करने वाले के मध्य प्रत्यक्ष सम्बन्ध स्थापित नहीं हो पाते। 

5. निरौपचारिक अभिकरण में बालकों की समस्याओं, जिज्ञासाओ और शंकाओं का तुरन्त समाधान नहीं हो पाता ।

6. निरीपचारिक अभिकरण में शिक्षा देने वाले और शिक्षा ग्रहण करने वाले के मध्य परस्पर अन्त: क्रिया का अभाव पाया जाता है।


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