औपचारिक, अनौपचारिक तथा निरौपचारिक शिक्षा में अंतर

औपचारिक, अनौपचारिक तथा निरौपचारिक शिक्षा में अंतर (Difference Between Formal Informal and Nonformal Agencies)

औपचारिक अभिकरण


1. इनका लक्ष्य शिक्षा देना होता है अर्थात इनकी स्थापना शिक्षा देने के लिए ही होती है।

2. ये निश्चित अवधि में निश्चित ज्ञान एवं अनुभव प्रदान करते है।

3. इसमें समय, अवधि नियम, कार्यक्रम शिक्षक, स्थान सभी निश्चित होते हैं।

4. इनका जीवन से कृत्रिम एवं सप्रयास सम्बन्ध होता है।

6 इसमें पूर्व नियोजित सुसंगठित एवं नियमबद्ध शिक्षा प्रणाली होती है।

7. ये संरचित विद्यालयी वातावरण में प्रदान किए गए अधिगम अनुभवों के द्वारा बालकों का विकास करते हैं।

8. ये सर्वसुलभ नहीं होते, बन्धन युक्त होते हैं।

9. इनमें एकरूपता पाई जाती है और ये पर प्रेरित होते हैं।

10. ये अनौपचारिक अभिकरणों के पूरक हैं तथा उनकी आवश्यकता है।

11. इसके अभिकरण सुनिश्चित होते हैं एवं गिने चुने ही होते हैं।


अनौपचारिक अभिकरण

  1. इनका लक्ष्य शिक्षा देना नहीं होता। जीवन को यथार्थ परिस्थिति में अन्तः क्रिया के द्वारा शिक्षा मिलती है। 
  2. इसमें सम्पूर्ण जीवन आवश्क ज्ञान और अनुभव मिलता है। 
  3. समय निश्चित नहीं होता। 
  4. इसमें समय, अवधि नियम कार्यक्रम शिक्षक, स्थान कुछ भी निश्चित नहीं होता, सब कुछ अनिश्चित होता है। इनकी शिक्षा जीवन की यथार्थ परिस्थितियों से जुड़ी होती है।
  5. इसमें आकस्मिक, असंगठित नियम शिक्षा प्रणाली होती है।
  6. ये असंरचित एवं परिवर्तनशील जोवन गत परिस्थितियों में प्राप्त अधिगम अनुभवों का विकास करते हैं।
  7. ये सर्वसुलभ और निर्वाध होते है।
  8. इनमें अनेक रूपता पाई जाती है और ये स्वत: प्रेरित होते हैं।
  9. ये औपचारिक और निरौपचारिक अभिकरण के पूरक हैं तथा औपचारिक और निरौपचारिक अभिकरणों के जन्मदाता है।
  10. इसके अभिकरणों की संख्या अनेक है।

निरौपचारिक अभिकरण 

  1. इनका लक्ष्य शिक्षा देना होता है। लेकिन इनका अनुभव क्षेत्र विविध, उदार एवं लचीला होता है।
  2. इसमें जीवन के द्वारा, जीवन के लिए, जोवन भर विविध अनुभव प्राप्त होते हैं।
  3. इसमें भी सब कुछ निश्चित होता है लेकिन यह स्वैच्छिक होता है।
  4. इनका क्षेत्र खुला होता है। इसमें सीखने के अनन्त अवसर रहते हैं तथा अनुभवों में विविधता पाई जाती है।
  5. इसमें पूर्व नियोजित सुसंगठित किन्तु उदार लचीली एवं जीवन से सम्बन्धित शिक्षा प्रणाली होतो है।
  6. ये संरचित होते हैं, लेकिन मुक्त होते हैं। उदार एवं लचीले वातावरण में स्वेच्छा से जीवन द्वारा जीवन के लिए, जीवन भर मिलने वाले अधिगम अनुभवों द्वारा व्यक्ति का विकास करते है। 
  7. ये सर्वसुलभ एवं निर्बाध होते हैं।
  8. इनमें विविधता पाई जाती है और ये स्वत: प्रेरित होते हैं। 
  9. ये औपचारिक और अनौपचारिक अभिकरणों के पूरक है तथा औपचारिक अभिकरणों की आवश्यकता है। 
  10. इसके अभिकरण अनेक हैं।

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