वृद्धजन- समिति का संक्षिप्त वर्णन करें। Elderly - Give a brief description of the committee.

वृद्धजन- समिति का संक्षिप्त वर्णन करें। Elderly - Give a brief description of the committee.

जनजातीय राजनैतिक संगठन में वृद्धजन-समिति का एक महत्वपूर्ण स्थान है। साधारणतया ऐसी कोई भी जनजाति नहीं पायी जाती जिसमें परत्यक्ष अथाव अप्रत्यक्ष रूप से शासन प्रबन्ध में कुछ बड़े - बूढ़े लोगों का परामर्श न लिया जाता हो । संसार की जिन जनजातियों में निरंकुश राजाओं के द्वारा शासन करने का प्रचलन रहा है , वहाँ भी महत्त्वपूर्ण नीतियों का निर्माण करने के लिए राजाओं द्वारा कुछ वृद्ध और अनुभवी व्यक्तियों से परामर्श लेने की परम्परा रही है ।


उदाहरण के लिए अफ्रीका की अनेक जनजातियों में सरकार का रूप राजतंत्रात्मक है लेकिन वहाँ भी एक राजा राज परिवार के बड़े - बूढ़ों की राय लिये बिना कोई कार्य नहीं कर सकता । अनेक जनजातियों में सरकार का निर्माण ही कुछ वृद्ध व्यक्तियों के द्वारा होता है तथा वृद्ध लोगों की एक परिषद अथवा पंचायत को अपनी जनजाति के लोगों से सम्बन्धित कोई भी निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार प्राप्त होता है ।


उदाहरण के लिए नीलगिरि पहाड़ियों पर रहने वाली टोडा जनजाति में एक वृद्धजन समिति ही कानून और व्यवस्था को बनाये रखने का कार्य करती है । इस समिति को वहाँ ' नेम ' कहा जाता है । इस वृद्धजन समिति को टोडा लोगों के सामाजिक जीवन में किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने का पूर अधिकार हैं । कभी - कभी यदि एक जनजाति काफी बड़े क्षेत्र में फाली होती है तो प्रशासन के दृष्टिकोण से अनेक वृद्धजन समितियों का गठन कर लिया जाता है तथा इनमें से प्रत्येक समिति कार्यों के द्वारा व्यवस्था की स्थापना में सहायता देती है ।


उदाहरण के पूर्वी नाइजीरिया की ' याको ' जनजाति में चार वृद्धजन समितियाँ हैं जो क्रमशः धार्मिक , प्रशासनिक , शान्ति सम्बन्धी तथा अन्य कार्यों के लिए उत्तरदायी होती है । प्रत्येक वृद्धजन समिति का निर्माण कुछ प्रतिष्ठित परिवारों के वृद्धि व्यक्तियों द्वारा होती है । प्रत्येक वृद्धजन समिति का निर्माण कुछ प्रतिष्ठित परिवारों के वृद्ध व्यक्तियों द्वारा होता है ।


परम्परागत रूप से भारत की अनेक जनजातियों में भी प्रशासन का कार्य जनजाति पंचायत द्वारा किया जाता रहा है । इन पंचायतों का निर्माण साधारणतया गाँव अथवा क्षेत्र के वयोवृद्ध लोगों द्वारा ही होता है । यह वृद्धजन समिति व्यक्तियों के आपसी झगड़ों का निपटारा करती है , लोगों को परम्पराओं के अनुसार व्यवहार करने के लिए बाध्य करती है , अनेक संगठनों के द्वारा नई पीढ़ी को सांस्कृतिक व्यवहारों की सीख प्रदान करती है, तथा जनजाति के नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के लिए दण्ड का निर्धारण करती है ।


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