सामाजिक नियंत्रण में भाषा की भूमिका | Role of Language in Social Control in Hindi
भाषा की सामाजिक नियंत्रम में महत्त्वपूर्ण भूमिका है । इसके द्वारा ही संस्कृति का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तान्तरण होता है। भाषा समाज एवं समाज में अन्तर का आधार है। भाषा के द्वारा ही नवी आविष्कार होते हैं तथा समाज का विकास होता है। भाषा समाज को एक सूत्र में बाँधती है। भाषा विचारों के आदान प्रदान के द्वारा सामाजिक व्यवस्था एवं नियंत्रण की स्थापना में सहयोग देती है। सामाजिक नियंत्रण में भाषा की भूमिका संक्षेप में निम्नवत् है-
( 1 ) समाजीकरण का आधार
भाषा समाजीकरण की प्रक्रिया का आधारशिला है भाषा ही मानव का समाजीकरण करती है। इसके माध्मय से व्यक्ति . सामाजिक रीति-रिवाजों एवं व्यवहार प्रतिमानों को सीखता है । सामाजिक नियंत्रण की स्थापना में समाजिकरण का विशेष योगदान रहता है। इसके अभाव में सामाजिक नियंत्रण सम्भव ही नहीं है । भाषा के माध्यम से ही परिवार में बालक समाजीकरण का प्रथम पाठ सीखता है ।
( 2 ) संस्कृति का आधार
किसी समाज की सांस्कृतिक विशेषताएँ ही सामाजिक नियंत्रण का आधार होती है। भाषा संस्कृति का प्रमुख आधार है। यह संस्कृति के विकास एवं संचय में सहयोग देती हैं। भाषा के द्वारा ही व्यक्ति सांस्कृतिक गुणों को सीखता है और संस्कृति का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तान्तरण होता है। भाषा के माध्यम से किसी समाज किसी समाज की संस्कृति को समझा जा सकता है। भाषा को मानवता की पूँजी कहकर पुकारा गया है ।
( 3 ) सामाजिक एकता में सहायक
सामाजिक एकता सामाजिक नियंत्रण का प्रमुख आधार है। यह सामाजिक नियंत्रण की सहायक परिस्थिति है । भाषा के द्वारा समाज के सदस्यों में एकता की भावना जागृत होती है । इसके द्वारा समूह में घनिष्ठता को बल मिलता है । भाषा के माध्यम से विचारों का आदान-प्रदान होता है और विचारों का प्रसार होता है। परिणामतः भौगोलिक दूरी कम हो जाती है , जिससे सामाजिक एकता का विकास होता है। भाषा के अभाव में सामाजिक एकता हो ही नहीं सकती। ऋग्वेद के एक सूक्त में भाषा को समाज का पालक और समाज विरोधी तत्त्वों का नाशक कहा गया है।
( 4 ) सामाजिक अनुकूलन में सहयोग
भाषा सामाजिक अनुकूलन में भी सहयोग प्रदान करती है जिससे सामाजिक नियंत्रण का कार्य सरल हो जाता है । भाषा के माध्यम से ही व्यक्ति सामाजिक गुणों को सीखकर सामाजिक अनुकूलन में सहयोगी बनता है।
( 5 ) संचार का साधन
सामाजिक नियंत्रण की स्थापना के लिए संचार के साधनों का विशेष एवं योगदान है । भाषा संचार का प्रमुख आधार है । इसके अभाव में संचार की प्रक्रिया सम्भव नहीं है । इसके द्वारा ही एक स्थान से दूसरे स्थान तक सन्देश प्रेषित करना सम्भव है । संचार का प्रमुख साधन बनकर भाषा सामाजिक नियंत्रण की स्थापना में सहयोग देती है।
( 6 ) नियंत्रण प्रणाली का आधार
भाषा सामाजिक नियंत्रण प्रणाली के प्रमुख साधनों का आधार है । परिणामतः यह सामाजिक नियंत्रण की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका का पालन करती है । सामाजिक रीति - रिवाज , जनरीतियां , प्रथाएं , कानून , दंड , प्रचार , जनमत , पुस्कार एवं दंड, कला, हास्य - व्यंग्य सामाजिक नियंत्रण के अनेक साधन हैं बिना भाषा के सामाजिक नियंत्रण के इन साधनों का प्रयोग हो ही नहीं सकता। संक्षेप में कहा जा सकता है कि भाषा सामाजिक नियंत्रण प्रणाली के प्रमुख साधनों का आधार है ।
( 7 ) आत्म नियंत्रण का साधन
भाषा आत्मनियंत्रण का भी साधन है , जिससे सामाजिक नियंत्रण की स्थापना में सहयोग मिलता है । भाषा के कारण व्यक्ति में विवेक एवं तर्कशक्ति का विकास होता है, परिणामतः व्यक्ति को आत्म नियंत्रण की प्रेरणा मिलती है । इसके माध्यम से व्यक्ति सामाजिक व्यवहारों के उचित-अनुचित का ज्ञान प्राप्त करके अपने व्यवहार में संशोधन करता है। ऋग्वेद के एक सूत्र में भाषा के गुणों की चर्चा करते हुए इसे ऋषि, विद्वान एवं तेजस्वी बनाने वाला कहा गया है। भावात्मक एकता में सहायक-सामाजिक नियंत्रण को नियमित करने में भावात्मक एकता का भी प्रमुख स्थान है।
भावात्मक एकता की स्थापना के लिए विचारों की पारस्परिक एकता आवश्यकता है। भाषा के द्वारा ही यह कार्य सम्भव हो पाता है। इसके कारण समूह में घनिष्ठता का विकास होता है और उनमें भावात्मक एकता स्थापित होती है । भावात्मक एकता, अर्थात् राष्ट्रीय एकता का प्रमुख आधार भाषा ही है। समूह के सदस्यों में अपनी भाषा के प्रति विशेष लगाव पाया जाता है। वेद में भाषा को राष्ट्र-निर्मात्री एवं एकता करने वाली कहा गया है।
निष्कर्ष
उपरोक्त विवेचन से स्पष्ट है कि भाषा सामाजिक नियंत्रण का प्रमुख साधन हैं । यह सामाजिक विकास एवं प्रगति का आधार है । जूलियन हक्सले का कहना है “ शाब्दिक विचार के विकास ने व्यक्ति के विचारों के समस्त आगे के संगठनों और प्राप्तियों के द्वारा खोल दिये हैं । "
यह भी पढ़ें- साम्राज्यवाद के विकास की सहायक दशाएँ ( कारक )
यह भी पढ़ें- ऐतिहासिक भौतिकतावाद
यह भी पढ़ें- अनुकरण क्या है? - समाजीकरण में इसकी भूमिका
यह भी पढ़ें- सामाजिक नियंत्रण में कला की भूमिका
यह भी पढ़ें- फ्रायड का समाजीकरण का सिद्धांत
यह भी पढ़ें- समाजीकरण और सामाजिक नियंत्रण के बीच सम्बन्ध
यह भी पढ़ें- प्राथमिक एवं द्वितीयक समाजीकरण
यह भी पढ़ें- मीड का समाजीकरण का सिद्धांत
यह भी पढ़ें- सामाजिक अनुकरण | अनुकरण के प्रकार
यह भी पढ़ें- सामाजिक नियंत्रण में जनमत की भूमिका
यह भी पढ़ें- सामाजिक नियंत्रण के औपचारिक साधन