अनुकरण का सामाजिक जीवन में महत्व | Importance of imitation in social life in Hindi
अनुकरण का सामाजिक जीवन में विशेष महत्त्व है। यह सामाजिक सीखने की प्रक्रिया को सरल विशेषताओं ही सीखता है। भाषा, नैतिक नियम एवं सांस्कृतिक विशेषताओं को सीखने में यह सुगमता प्रदान करता है। सामाजिक नियंत्रण एवं समाजीकरण की प्रक्रिया में भी अनुकरण का महत्त्व है ।
( 1 ) सामाजिक अधिगम ( सीखना ) का आधार
अनुकरण सामाजिक अधिगम ( सीखना ) की प्रक्रिया को अत्यन्त ही सरल बना देता है । किसी नई प्रक्रिया को सीखने के लिए परीक्षण की लम्बी अवधि की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती। व्यक्ति अल्पसमय में ही सामाजिक व्यवहारों को सीखता है ।
( 2 ) सामाजिक संगठन में सहायक
अनुकरण सामाजिक संगठन में भी सहायक सिद्ध होता है । अनुकरण के द्वारा ही सामाजिक रीति-रिवाजों, मूल्यों एवं आदेशों को सीखता है, जिसके कारण सामाजिक संगठन में एकता स्थापित रहती है ।
( 3 ) सामाजिक एकरूपता
अनुकरण समाज में एकरूपता की भी स्थापना करता है । इससे सामाजिक एकरूपता बनी रहती है । अनुकरण के कारण सामाजिक रीति - रिवाज, परम्पराओं व्यवहार, प्रतिमान पूरे समाज में तेज गति से फैलते हैं परिणामतः समाज में एकरूपता विकसित होती है ।
( 4 ) सामाजिक सांस्कृति अनुकूलन में सहायक
अनुकरण आज के गतिशील समाजों में व्यक्ति के द्वारा अनुकूलन में भी सहायक सिद्ध होता है । यातायात एवं संचार साधनों के विस्तार के कारण व्यक्ति की गतिशीलता में वृद्धि हुई है , उसे नये समाजों में जाकर नवीन रीति - रिवाजों, आदर्शों एवं मूल्यों से अनुकूलन की समस्या का सामना करना पड़ता है। अनुकरण इस कार्य में उसकी सहायता करता है, क्योंकि वह अनुकरण द्वारा नये समाज के रीति - रिवाजों, आदर्शों एवं मूल्यों की सीख लेता है ।
( 5 ) संस्कृति का हस्तान्तरण
अनुकरण की सहायता से संस्कृति का हस्तान्तरण एक से दूसरी पीढ़ी को होता रहता है ।
( 6 ) व्यक्तित्व का विकास
अनुकरण के व्यक्तित्व के विकास में भी सहायक सिद्ध होता है । अनुकरण के द्वारा व्यक्ति सामाजिक गुणों को सीखकर अपने व्यक्तित्व का विकास करता है ।
( 7 ) सामाजिक प्रगति में सहायक
अनुकरण के कारण सामाजिक प्रगति को प्रक्रिया को बल मिलता है , परिणामतः यह सामाजिक प्रगति में सहायक सिद्ध होता है। अनुकरण के द्वारा ही नये आविष्कारों को बल मिलता है , जिससे सामाजिक प्रगति होती हैं ।
( 8 ) इच्छाओं की पूर्ति में सहायक
अनुकरण व्यक्तिगत इच्छाओं की पूर्ति में भी सहायता करता है। अनुकरण की सहायता से व्यक्ति विभिन्न व्यवहारों एवं कार्यों को सीखकर अपनी इच्छाओं की पूर्ति करता है।
निष्कर्ष ( Conclusion )
उपरोक्त विवेचन से स्पष्ट है कि दूसरों के व्यवहार एवं कार्यों की नकल करना ही अनुकरण है , यह दूसरों के व्यवहार को अपनाने की प्रक्रिया है । सामाजिक जीवन में इसका विशेष महत्त्व है । अनुकरण समाजीकरण एवं सामाजिक सीख ( अधिगम ) का एक प्रमुख साधन एवं आधार है।
यह भी पढ़ें- साम्राज्यवाद के विकास की सहायक दशाएँ ( कारक )
यह भी पढ़ें- ऐतिहासिक भौतिकतावाद
यह भी पढ़ें- अनुकरण क्या है? - समाजीकरण में इसकी भूमिका
यह भी पढ़ें- सामाजिक नियंत्रण में कला की भूमिका
यह भी पढ़ें- फ्रायड का समाजीकरण का सिद्धांत
यह भी पढ़ें- समाजीकरण और सामाजिक नियंत्रण के बीच सम्बन्ध
यह भी पढ़ें- प्राथमिक एवं द्वितीयक समाजीकरण
यह भी पढ़ें- मीड का समाजीकरण का सिद्धांत
यह भी पढ़ें- सामाजिक अनुकरण | अनुकरण के प्रकार
यह भी पढ़ें- सामाजिक नियंत्रण में जनमत की भूमिका
यह भी पढ़ें- सामाजिक नियंत्रण के औपचारिक साधन