पब्बजा संस्कार |पब्बजा संस्कार का अर्थ - Pabbaza Sanskar in Hindi
बौद्धकालीन शिक्षा में पब्बजा संस्कार
बौद्ध शिक्षा में संघ शिक्षा प्रमुख केन्द्र थे। इस संघ में प्रवेश लेने के विशेष नियम थे । संघ में प्रविष्ट होने को पब्बजा कहते थे। इसका अर्थ है बाहर जाना अर्थात् भावी भिक्षु परिवार से विलग होकर बाहर आकर बौद्ध संघ में मिल रहा है ।
उसकी आयु 8 से 12 वर्ष के बीच होती थी । 20 वर्ष की आयु में उपसम्पदा संस्कार होता था । इसके फलस्वरूप भिक्षु संघ का पूर्णरूपेण सदस्य बन जाता था ।
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