बिस्मिल्लाह रस्म क्या है? / Bismillah Rasm In Hindi
बिस्मिल्लाह - वैदिक काल में जिस प्रकार बालक उपनयन संस्कार के पश्चात् अपनी शिक्षा का प्रारम्भ करता था , उसी प्रकार मुसलमानों में शिक्षा में प्रवेश से पहले बिस्मिल्लाह की रस्म पूरी की जाती थी । बिस्मिल्लाह की रस्म के लिए बालक की आयु 4 वर्ष , 4 मास और 4 दिन होना आवश्यक था । इस अवसर पर बालक नवीन वस्त्र धारण करता था और उसके समस्त नाते - रिश्तेदार एकत्रित होते थे ।
तत्पश्चात् बालक के सामने कुरान की प्रस्तावना तथा उसका 55 वाँ तथा 87 वाँ अध्याय प्रस्तुत किया जाता था । मौलवी साहब कुरान की आयतों का उच्चारण करते थे और बालक से उसको दुहरवाते थे । यदि बालक पाठ को दुहराने में असमर्थ होता था तो उससे केवल ' बिस्मिल्लाह ' कहलवाना ही पर्याप्त समझा जाता था । इस रस्म के पश्चात् बालक की शिक्षा प्रारम्भ हो जाती थी ।
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