शिक्षा के सामाजिक उद्देश्य - Social aims of education b.ed notes
मनुष्य सामाजिक प्राणी होने के नाते समाज में ही रहकर अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकता है । विद्यार्थियों को स्वार्थपरता से ऊपर उठाकर परोपकार की ओर प्रवृत किया जाता था शिक्षक विद्यार्थियों को उनका चतुर्मुखी विकास कर समाज के लिए हितसाधक तथा समाज का उपकारी सदस्य बनाते थे । ' परोपकाराय सता विभूतयः ' के सिद्धान्त को बताकर सामाजिक भावना को भरते थे । यदि नागरिक समाज की उन्नति में योग नहीं दे पाता तो उसकी शिक्षा व्यर्थ है ।
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