जाति और जनजाति में क्या अंतर है? Difference between caste and tribe?

जाति और जनजाति में क्या अंतर है? Difference between caste and tribe?

जनजाति एवं जाति दोनों ही भारतीय समाज की प्रमुख विशेषताएँ हैं । जनजाति एवं जाति दोनो में कुछ समानताएँ हैं , परन्तु दोनों को एक समझने की भूल नहीं करनी चाहिए । वास्तविकता यह है कि यह दोनों एक दूसरे से भिन्न है । इसी कारण समाजशास्त्र में इन दोनों का प्रयोग बड़ी सावधानी से किया जाता है । इन दोनों के अन्तर को समझने के लिए यह आवश्यक है कि जनजाति और जाति की परिभाषा एवं विशेषताओं को स्पष्ट कर लिया जाय।


जाति और जनजाति में क्या अंतर है?


जनजाति की परिभाषा ( Definition of tribe )


हॉवेल के अनुसार- “ एक जनजाति यह सामाजिक समूह है जो एक विशेष भाषा अथवा बोली बोलता है तथा एक विशेष संस्कृति रखता है जो उसे दूसरी जनजातियों से पृथक करती है । यह अनिवार्य रूपसे राजनैतिक संगठन नहीं है । "

गिलिन एवं गिलिन के अनुसार- “ स्थानीय आदिम समूहों के किसी भी संग्रह को , जो एक सामान्य क्षेत्र में रहता हो , एक सामान्य भाषा बोलता हो और एक संस्कृति का अनुसरण करता हो , एक जनजाति कहते हैं । ”

भारतीय संविधान में जनजाति के लिए अनुसूचित जनजाति शब्द का प्रयोग किया गया है । इस समय हमारे देश में जनजातियों की जनसंख्या 5 करोड़ , 16 लाख 28 हजार से भी अधिक है।


जनजाति समाज की प्रमुख विशेषता ( Main feature of tribal society )


उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है कि जनजाति की प्रमुख विशेषताएँ निम्नवत् हैं 

( i ) प्रत्येक जनजाति का एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र होता है । 

( ii ) यह अनेक परिवारों का समूह होता है । 

( iii ) जनजाति के सदस्यों द्वारा किसी सामान्य भाषा का प्रयोग किया जाता है । 

( iv ) प्रत्येक जनजाति का एक नाम होता है । 

( v ) जनजाति अन्तर्विवाही होती है । 

( vi ) प्रत्येक जनजाति के अपने धार्मिक विश्वास होते हैं । 

( vii ) जनजाति के सदस्यों में एकता की भावना पायी जाती है ।


भारत में मध्य प्रदेश , बिहार , गुजरात , राजस्थान , उड़ीसा एवं असम में जनजातियाँ पायी जाती हैं । विभिन्न मानवशास्त्रियों ने इनका भौगोलिक सांस्कृतिक एवं भाषा के आधार पर वर्गीकरण किया है । 


जाति का अर्थ एवं परिभाषा ( Meaning and definitions of caste )


प्रोफेसर वाडिया के अनुसार- " जाति के लिए प्रयुक्त अंग्रेजी शब्द कास्ट ( Caste ) पोर्तगीज भाषा के कास्टा ( Casta ) शब्द से बना है , जिसका अर्थ जाति या भेद है । यह शब्द लैटिन भाषा के कास्ट्स ( Castus ) से मिलता - जुलता है , जिसका अर्थ विशुद्ध है । सामान्य बोलचाल की भाषा में जाति से हमारा अभिप्राय वंशानुक्रमण समूह से है । "

विभिन्न समाजशास्त्रियों ने इसकी परिभाषा निम्न प्रकार से की है-

डॉ ० मजूमदार एवं मदान के अनुसार- “ जाति एक बन्द वर्ग है । ”

कूले के अनुसार- " जब एक वर्ग पूर्णतया अनुवंशिक होता है , तो हम उसे एक जाति कहते हैं । "

हट्टन ( Hutton ) के अनुसार “ जाति एक ऐसी व्यवस्था है , जिसके अन्तर्गत सम्पूर्ण समाज अनेक आत्मकेन्द्रित तथा एक - दूसरे से पृथक् जातियों में विभाजित रहता है । "


जाति व्यवस्था की विशेषताएं - Features of Caste System


डॉ ० घुरिये ( G. S. Gurye ) के अनुसार आपने जाति व्यवस्था की निम्नलिखित विशेषताएँ बताई हैं 

( i ) समाज का खण्डात्मक विभाजन , 

( 2 ) संस्तरण , 

( 3 ) भोजन एवं सामाजिक सहवास पर प्रतिबन्ध , 

( 4 ) विभिन्न जातियों की सामाजिक एवं धार्मिक निर्योग्यताएँ तथा विशेषताएं , 

( 5 ) व्यवसायों के स्वतन्त्र चटुनाव पर प्रतिबन्ध , 

( 6 ) विवाह सम्बन्धी प्रतिबन्ध । 


जनजाति और जाति में अंतर (Difference between tribe and caste)


जनजाति एवं जाति दोनों में अन्तर है । जिसे संक्षेप में निम्नवत् दर्शाया जा सकता है-

( 1 ) जाति एक सामाजिक समूह है , इसके विपरीत जनजाति सामाजिक समूह न होकर एक स्थानीय समूह है । 

( 2 ) जति व्यवस्था हिन्दू समाज की विशेषता है , जिसका उद्देश्य सामाजिक व्यवस्था बनाये रखना है । जनजाति जनजातीय समाज की विशेषता है । इसकी उत्पत्ति एक निश्चित भू भाग में निवास के कारण होती है । इसके सदस्यों में एकता पायी जाती है । 

( 3 ) जाति का कोई निश्चित भू - भाग नहीं होता, जबकि जनजाति का एक निश्चित भू - भाग होता है । 

( 4 ) जाति एवं व्यवसाय में परस्पर सम्बन्ध पाया जाता है, अर्थात् जातियों में व्यवसाय सुनिश्चित होते हैं । इसके विपरीत जनजाति का व्यवसाय से सम्बन्ध नहीं होता। जनजाति का सदस्य कोई भी व्यवसाय कर सकता है।

( 5 ) जाति के सदस्य किसी काल्पनिक पूर्वज के आधार पर अपनी उत्पत्ति नहीं मानते , जबकि जनजाति में इस प्रकार का विश्वास किया जाता है । 

( 6 ) जाति व्यवस्था में अस्पृश्यता एवं ऊँच-नीच की भावना पायी जाती है । इसके विपरीत जनजाति में अस्पृश्यता नहीं पायी जाती । 

( 7 ) एक जाति विभिन्न उपजातियों में विभाजित होती हैं, जबकि जनजाति में ऐसा नहीं होता । 

( 8 ) जाति एक राजनैतिक संगठन का रूप नहीं लेती हैं। इसके विपरीत जनजाति का एक राजनैतिक संगठन होता है । 

( 9 ) जाति व्यवस्था समाजका खण्डात्मक विभाजन है । जनजाति में ऐसा नहीं होता ! 

( 10 ) जाति में खान-पान एवं सहवास सम्बन्धी कठोर नियम पाये जाते हैं, इसके विपरीत जनजाति में नहीं पाये जाते।


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