कोठारी आयोग के सुझाव - Suggestions of Kothari Commission

कोठारी आयोग ( 1964-66 ) के द्वारा प्रस्तुत शिक्षक शिक्षा सम्बन्धी सुझाव


अध्यापक के व्यवसाय की शिक्षा का एक व्यवस्थित कार्यक्रम शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिए अत्यावश्यक है । अध्यापक शिक्षा से निवेश अत्यधिक समृद्ध प्रतिफलों को दे सकता है क्योंकि आवश्यक धन के साधन थोड़े होते हैं और लाखों लोगों की शिक्षा के परिणामस्वरूप होने वाले सुधार बहुत बड़ी मात्रा में होते हैं । 


सुधार के लिए प्रमुख सुझाव

( i ) अध्यापक शिक्षा की सम्पूर्ण शिक्षा प्रणाली से जोड़ दिया जाय । 

( ii ) पाठ्यक्रम पुनराभिविन्यास हो, समय - समय पर ग्रीष्म संस्थान और सेमिनार हो । 

( iii ) सभी प्रशिक्षण संस्थाएँ विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध किये जाएँ । काम्प्रीहेन्सिव कालेज ऑफ एजूकेशन खोले जायँ जहाँ सभी स्तरों के अध्यापक या प्रशिक्षण ले सकें ।


कोठारी आयोग ने नारी शिक्षा के लिए क्या सुझाव दिये ?


शिक्षा आयोग ( 1964-66 ) या कोठारी आयोग और नारी शिक्षा इस आयोग ने सामान्य रूप से देशमुख समिति , हंसा मेहता समिति तथा भक्तवत्सलम् समिति की संस्तुतियों का समर्थन करते हुए निम्नलिखित सुझाव और दिये हैं 


1. स्त्रियों और पुरुषों की शिक्षा के बीच जो दूरी है , उसे यथाशीघ्र समाप्त किया जाय । 

2. स्त्री - शिक्षा के प्रसार के लिए आर्थिक सहायता उदारता के साथ दी जाय । 

3. स्त्री - शिक्षा के सम्पूर्ण कार्यक्रम को शिक्षा का महत्त्वपूर्ण अंग स्वीकार किया जाय । 

4. स्त्रियों के लिए अंशकालीन रोजगारों की विशेष व्यवस्था हो, ताकि वे पारिवारिक दायित्वों को सँभालते हुए अपनी शिक्षा का आर्थिक लाभ भी उठा सकें ।


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