इतिहास शिक्षक के लिए अभिनय की उपादेयता - The importance of acting as a history teacher
इतिहास शिक्षक के लिए अभिनय की उपादेयता अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से छात्रों की सृजनात्मक शक्तियों का विकास किया जा सकता है। शिक्षण में इसका प्रयोग आधुनिक युग की देन है। अभिनय के प्रयोग से कठिन तथा दुरूह विषय को सरल, मनोरंजक एवं बोधगम्य बनाया जा सकता है।
इसमें छात्र क्रियाशील रहते हैं। इसके अतिरिक्त अभिनय प्रविधि द्वारा बालकों की इन्द्रियों को शिक्षित एवं प्रफुल्लित बनाया जाता है। इतिहास शिक्षक के लिए अभिनय की उपादेयता से कर्णेन्द्रिय, नेत्रों तथा हाथों को शिक्षित किया जाता है। इस प्रकार इसमें हाथ तथा मस्तिष्क को शिक्षा के समन्वय के पर्याप्त अवसर प्रदान किए जाते हैं।
इसके अतिरिक्त इसके द्वारा छात्रों में विषय ग्राह्ययता, आत्म-विश्वास एवं अभिव्यंजना-शक्ति विकसित की जाती है तथा उनकी लज्जाशील प्रवृत्ति एवं झिझक का भी निवारण हो जाता है। इसके प्रयोग से छात्र बोलने की कला भी सीख जाते हैं। अर्नेस्ट हार्न का विचार है कि इसके प्रयोग से छात्रों में नेतृत्व, सहयोग, सृजनात्मक प्रयास करने के भाव तथा प्रेरणा शक्ति का विकास किया जा सकता है।
अभिनय का प्रयोग इतिहास विषय में शिक्षक द्वारा प्रभावशाली ढंग से किया जा सकता है। शिक्षक द्वारा अभिनय के प्रयोग से अनेक साम्राज्यो, कालों, शासकों के वर्णन आसान एवं सरल तरीके से हो सकता है।
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