टेबल कवर की बुनाई कैसे की जाती हैं? | How to knit table cover in Hindi
टेबल कवर की बुनाई में भी उसी विधि का प्रयोग किया जाता है जो अन्य वस्त्रों की बुनाई में किया जाता है । टेबल कवर की ई-बुनाई से पूर्व ताने के धागों को समान्तर रूप में साथ-साथ लगाकर जैसा कि वस्त्र में दिखाई देता है, बीम ( Beam ) या रौलर पर लपेट दिया जाता है। जितने मीटर का थान बनाना हो, उसके अनुपात में लम्बाई होनी चाहिए। बाने के भागों को पिछ्याँ ( Cops ) बनाने के लिए ट्यूब्स पर लपेटा जाता है। टेबल कवर की बुनाई करते समय बाने के धागों को ताने के धागों के मध्य से निकालना होता है।
अतः इन पिडियों ( Cops ) को अधिक बड़ा बनाना सम्भव नहीं होता है। इसलिए अधिक लम्बाई का वस्त्र बनाने के लिए एक के बाद अनेक पिद्दियाँ ( Cops ) का प्रयोग करना पड़ता ताने के धागे की बीम ( Beam ) करो के पीछे रहती है । ये तार बुनाई के समय पीछे लगी हुई बीम में से खिंच - खिंचकर सामने लगे रौलर ( Roller ) पर आकर लिपटते जाते हैं। सारे वस्त्र की बुनाई में से धागे जोड़े हीडल्स ( heddles ) के छेदों में से निकालते हैं।
बाने के धागे एक के बाद एक को छोड़कर ऊपर-नीचे ताने के तारों में से गुजरता है जो साथ में क्रियाशील हीडल्स ( Heddles ) की सहायता से ऊपर - नीचे उठाये जाते हैं। बुनाई में बाने के धागे की पिद्दी ( Cops ) जो एक शटल रखी रहती है , करघे के एक ओर से दूसरी ओर फेंकी जाती है । इस तरह से बाने का एक तार वस्त्र का अंग बन जाता है ।
कंधी ( Reed ) जो कंधे के समान होती है, का प्रयोग बाने के धागों के पास ठोककर लगाने में किया जाता है । करघे के सामने लगी हुई छड़ पर वस्त्र धीरे-धीरे लिपटता रहता है। टेबल कबर की बुनाई में सैटिन बुनाई, कार्डयूराइ बुनाई एवं साटीन बुनाई की विधियों का प्रयोग ज्यादातर किया जाता है।
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