प्रेशर कुकर क्या है ? What is pressure cooker?

प्रेशर कुकर क्या है ? What is pressure cooker?

प्रेशर कुकर: यह भोजन बनाने की क्रिया को सुगम बनाने के लिए वाष्प के दबाव और ताप के सिद्धान्त बनाया गया है जो कि समय शक्ति की बचत करता है तथा भोजन के पौष्टिक मूल्य की सुरक्षित रखता है । " 


प्रेशर कुकर का सिद्धान्त -

प्रेशर कुकर वायु के दबाव के सिद्धान्त पर काम करता है । ताप के द्वारा कुकर इसलिये उसका दबाव बढ़ जाता है और उसी बढ़े दबाव से भोजन शीघ्र पककर तैयार हो जाता है अन्दर का ताप तथा भाप का दबाव बढ़ता है । भाप को बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिल पाता, इस प्रकार भोज्य पदार्थ के पौष्टिक मूल्य भी नष्ट नहीं होते हैं । 


1. भगौना - मिश्रित धातु से बना पतीले के आकार का यह बर्तन कुकर का निचला भगौना कहलाता है । 


2. ढक्कन — भगौने के ऊपर का यह ढक्कन भी मिश्रित धातु का विशेष प्रकार का बना होता है ताकि भगौने पर एकदम फिट आ जाये। इसके ऊपर एक उठी हुई नली ,किनारे पर थोड़ा हटकर एक वाल्व, गोलाकार ढक्कन के अंदर या बाहर रबर का रिंग लगाने की व्यवस्था होती है। जो इसे वायुरोधक बनाती है। एक हैंडिल भी लगा रहता है।


3. निकासी नली ( Vent Pipe ) - ढक्कन के मध्य एक छेद होता है उसके ऊपर निकास नली होती है इस निकास नली के चारों ओर छेद होते हैं । इसी नली के ऊपर भार जाता है । इसका मुख्य कार्य भगौने के भीतर निश्चित मात्रा से अधिक बनी भाप को बिना कम किये बाहर निकाल देता है । 


4. भार ( Weight ) – यह दबाव को नियन्त्रित करने के लिए निकास नली के ऊपर हैं यह वाष्प के कितने दबाव को नियमित कर सकता है यह इसके ऊपर लिखा रहता है । कु अनुसार यह 5, 10, 15 पौण्ड का होता है जब भगौने के अन्दर वाष्प का दबाव बढ़ जाता है ।


यह दबाव ढक्कन के मध्य बने छेद पर पड़ता है जिससे उसके ऊपर रखा भार थोड़ा उछलता है, तथा वाष्प को निकलने के लिए थोड़ा रास्ता मिल जाता है । इस वाष्प के बाहर निकलने पर आवाज होती है जिसे सिटी कहते हैं बोलचाल की भाषा में भार को भी सीटी कहते हैं । यह आवाज भोजन तैयार होने की सूचना देती है ।


भार के अन्दर एक तीर के आकार का वाल्व पिन होता है जो बाल्व पिन निकास नली के छेद में जाकर फिट हो जाता है भार को उठाने के लिए उसके ऊपर एक रिंग होता है जिसे Lifting Ring कहते हैं । 


5. सुरक्षा वाल्व ( Safety Valve ) – यह कुकर का सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण भाग है । यह ढक्कन के ऊपर धातु या रबर का बना गोल होता है । इसके बीचों - बीच एक पिटल लगा होता है जो ऐसी धातु का बना होता है जो जल्द पिघलने वाली दवा हो ।


भगौने में वाष्प का दबाव बढ़ने पर यदि निकास नली से नहीं निकल पाता तो उस दबाव से सुरक्षा वाल्व का पिटल निकल जाता है तथा वाष्प बाहर निकल जाती है कई बार दबाव अधिक होने पर पूरा सुरक्षा वाल्व निकल जाता है । तथा कुकर फटने की सम्भावी दुर्घटना टल जाती है ।


6. रबर का छल्ला ( Gasket ) – यह विशेष प्रकार का छल्ला जो अधिकतम ताप पर गलता नहीं है क्योंकि ताप अवरोधक होता है गोलाकार ढक्कन के चारों ओर ( हॉकिन्स के ऊपर की ओर , अन्य कुकर में अन्दर की ओर ) लगता है जिससे ढक्कन तथा भगौने के बीच से वाष्प बाहर नहीं निकल पाती है रास्ता वायुरोधक हो जाता है । 


7. गोलाकार जाली — यह गोलाकार बड़े छेदों वाले एल्युमिनियम धातु की बनी पतली प्लेटनुमा होती है । जब एक से अधिक भोज्य पदार्थ एक साथ बनाये जाते हैं तब इसे भगौने में नीचे रख जाता है इसके छेदों के कारण ताप कुकर से सब स्थान पर एक - सा पहुँचता है । 


8. भोजन कक्ष ( Seprator ) — एल्युमिनियम के अलग - अलग आकार के बने छोटे - छोटे डिब्बे होते हैं जो सरलतापूर्वक एक - दूसरे के ऊपर फिट हो जाते हैं यह एक साथ एक से अधिक भोज्य पदार्थ बनाने के लिए प्रयोग किये जाते हैं । इन डिब्बों को सन्तुलित रखने के लिए एक तार का स्टैण्ड भी होता है जिसमें डिब्बे फँसाकर बन्द कर देते हैं ।


9. ( Handle ) — यह बैकलाइट के बने होते हैं । पेचदार लोहे की छड़ों की सहायता से यह हैण्डिल भगौने तथा ढक्कन में लगे रहते हैं । ये इस प्रकार लगे होते हैं कि कुकर बन्द करने पर इसके दोनों भाग ठीक एक - दूसरे के ऊपर नीचे आकर रुकते हैं । 


प्रेशर कुकर को प्रयुक्त करने की विधि -

कुकर का वास्तविक लाभ तभी प्राप्त होता है जब उसे सही ढंग से प्रयोग में लायें क्योंकि कुकर का मुख्य लाभ यह है कि भोजन के पौष्टिक तत्त्व नष्ट नहीं होते , समय शक्ति को बचत होती है इसके लिये आवश्यक है कि- 

( 1 ) कुकर में रखी भोज्य सामग्री की मात्रा के अनुसार लगने वाले समय के अनुसार पानी की मात्रा डालें । 

( 2 ) भगौने में 2/3 भाग से ज्यादा पानी न हो । 

( 3 ) भोजन कक्षों का प्रयोग करते समय ध्यान रहे कि वही भोज्य पदार्थ एक साथ पकायें जिनके बनने का समय एक - सा हो । 

( 4 ) जब निकास नली से भाप निकलने लगे तो भार ऊपर रखें । 


दोष- 1. प्रेशर का न बनना ( वाष्प का दबाव तैयार नहीं होता ) । 


कारण-

( 1 ) गास्केट ढीला होने पर

( 2 ) गास्केट ठीक से फिट न होने पर ।

( 3 ) हैण्डिल ढीला होने पर ।

( 4 ) सुरक्षा वाल्व खराब होने पर ।

( 5 ) निकास नली की चूड़ियाँ ढीली हो जाने पर या उसमें भार ठीक से फिट न होने पर ।


प्रेशर कुकर की मरम्मत ( pressure cooker repair )

( 1 ) गास्केट बदल दें ।

( 2 ) गास्केट ठीक से व्यवस्थित करें ।

( 3 ) हैण्डिल कस दें ।

( 4 ) सुरक्षा वाल्व बदलें ।

( 5 ) निकास नली की चूड़ियाँ घिस गई हों तो उसे बदल दें । भार का वाल्व पिन खराब हो गया हो तो भार बदलें । 


दाग वाले प्रेशर कुकर को कैसे साफ करें? ( pressure cooker cleaning )

( 1 ) गास्केट भोजन बनाने के बाद निकालकर साफ पानी से धोकर पोंछ ले चिकना होने पर साबुन के पानी से साफ करें ।

( 2 ) ढक्कन के अन्दर गास्केट के लिए जो जगह होती है उसे अच्छे से साफ करें ।

( 3 ) निकास नली के छेद साफ करें उसमें फँसी गन्दगी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है साथ ही कुकर फटने का भी डर रहता है क्योंकि इसी मार्ग से अतिरिक्त वाष्प बाहर निकलती है इसके छेदों में गन्दगी फैंसी होने से वह रास्ता बन्द हो जाता है, और कुकर फट जाता है ।

( 4 ) बारीक राख से माँजें । 


प्रेशर कुकर का इस्तेमाल करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ?

( 1 ) भोज्य पदार्थ के अनुसार पानी डालें ।

( 2 ) भगौना का 2/3 भाग करें ।

( 3 ) भाप निकलने पर ही भार ऊपर रखें ।

( 4 ) भार रखने के बाद आच कम कर दें ।

( 5 ) के ऊपरी हिस्से पर कलछी , चम्मच से ठोके न

( 6 ) दबाव कम होने पर जब कुकर आसानी खुलें तभी खोलें । जल्दी खोलना हो तो नल के नीचे रखकर उसका ताप कम कर लें उससे दबाव कम हो जायेगा तब खोलें।

( 7 ) भोजन बनाने के बाद गास्केट धोकर सुखा ले ।

( 8 ) गर्म गास्केट कील पर न टांगे , ढोला हो जायेगा

( 9 ) ढक्कन खोलते समय चेहरा पीछे रखें।

( 10 ) एकसाथ 2-3 चीजें बनाते समय ध्यान रहे कि उनके बनने में लगने वाला समय एकसा हो ।

( 11 ) कुकर को पानी गर्म करने के काम न लायें उसमें छेद हो जाते हैं ।

( 12 ) जब कुकर का प्रयोग न करना हो तो भगौना तथा ढक्कन खोलकर अलग - अलग रखें बन्द करके न रखें ।

प्रेशर कुकर क्या है  What is pressure cooker

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