फ्रिज ( Refrigerator ) क्या है? कैसे काम करता है ?

 फ्रिज ( Refrigerator ) क्या है? कैसे काम करता है ?

रेफ्रोजरेटर अपने संक्षिप्त नाम ' फ्रिज ' से प्रसिद्ध है । वर्तमान समय में इसका प्रयोग गृहिणी को रसोई में कच्चे , पक्के भोज्य पदार्थों को संरक्षित करने के लिए होता है तो चिकित्सा के क्षेत्र में दवाइयों तथा टैस्ट सम्बन्धी वस्तुओं के शीत संग्रह में आता है । 


फ्रिज के सिद्धान्त ( principles of fridge )

जब कोई भोज्य पदार्थ अथवा अन्य वस्तु जो वायुमण्डल के अधिक ताप पर रासायनिक द्वारा एन्जाइम , खमीर , फफूँदी आदि अवस्था में नहीं रह ऐसे पदार्थों को फ्रिज में वायुमण्डल व्यवस्था होती है ताकि वे सुरक्षित भी रहें तथा भोज्य पदार्थ भी नष्ट न हो ।


प्रतिक्रियाओं पाते उत्पन्न होने के कारण उपयोग को के ताप पर निम्न ताप पर रखने को " ऊष्पा का यह सिद्धान्त है कि वह गर्म स्थान से ठण्डे स्थान की ओर जाती है " इसी सिद्धान्त पर फ्रिज कार्य करता है ।


बनावट — इसके मुख्य दो हिस्से होते हैं— 

( 1 ) केबिनेट

( 2 ) दरवाजा । 


( I ) केबिनेट - इसका आकार तिजोरीनुमा होता है जो कि अलग अलग माप का होता है । केबिनेट इस्पात की मजबूत चादर से बना होता है केबिनेट की दीवार दोहरी होती है इस दीवार के अन्दर ऊष्मा तथा पानी का अवरोधक पदार्थ ( Insulating Material ) होता है । 


इस इस्पात के केबिनेट पर एनेमल पॉलिश की जाती है यह पॉलिश विभिन्न रंगों में की जाती है । केबिनेट के अलग - अलग हिस्से का तापक्रम अलग - अलग होता है । केबिनेट में अग्र भाग होते दोहरी बॉक्स होता है ।


( i ) फ्रीज़र ( Freezer ) —फ्रीजर केबिनेट में सबसे ऊपर एल्यूमिनियम का बना एक बॉक्स होता है। इस बॉक्स के चारों ओर खोखली नलिकाएँ होती हैं । इन नलिकाओं में द्रव्य गैस का प्रवाह रहता है । इस भाग का तापक्रम 0 ° C होता है यह भाग बर्फ जमाने , आइसक्रीम जमाने के लिए प्रयुक्त होता है इसके सामने एक दरवाजा होता है ।


चिल ट्रे ( Chill Tray )- फ्रीजर कक्ष के ठीक निचे प्लास्टिक की एक ट्रे होती है। से चिल ट्रे कहते हैं । बर्फ पिघलने की स्थिति ( Defrost ) के समय ऊपर से टपकने वाला पानी इस ट्रे में गिरता है जिससे फ्रिज की भीतरी भाग गीला नहीं होता ।


( iii ) ड्रेन ट्रे ( Drain Tray ) — नये मॉडल के फ्रिज में स्वचालित डीफ्रास्ट ( Defrost ) व्यवस्था है इस फ्रिज में कैबिनेट के एकदम नीचे एक लोहे की पॉलिश वाली ट्रे होती है जिसका सम्बन्ध फ्रीजर से एक पाइप द्वारा होता है पिघलने पर पानी इस ट्रे में आकर जमा हो जाता है । 


( iv ) नियंत्रक ( Regulator ) -फ्रिज के भीतरी तापक्रम को नियन्त्रित करने के लिए फ्रीजर के नीचे पहले शैल्फ में केबिनेट की दीवार पर लगा रहता है । इसके द्वारा फ्रीजर के विभिन्न तापक्रम को नियन्त्रित करते हैं । फ्रिज के अधिकतम तथा न्यूनतम तापक्रम का अन्तर प्राय : 25 ° F होता है ।


( v ) डीफ्रास्टर ( Defroster ) – नियंत्रक के बीच में उभरा एक बटन होता है किसी किसी फ्रिज में नियंत्रक में ही डीफ्रास्ट का बिन्दु भी होता है । फ्रिज को डीफ्रास्ट पर करने से मोटर काम करना बन्द कर देती है तथा बर्फ पिघलने लगती है बर्फ पिघल जाने पर ' स्वचालित डीफ्रास्ट ' स्वयं ऊपर उठकर काम करने लगता है यदि स्वचालित व्यवस्था नहीं है तो फ्रिज चालू करना पड़ता है । 


( vi ) शैल्फ ( Shelves ) – केबिनेट को 3 या 3 से अधिक भागों में बाँटने के लिये वायु संचरण को ध्यान में रखते हुए दो पतली किन्तु मजबूत लोहे की तारों के बने फ्रेम होते हैं जिन पर प्लास्टिक पेण्ट चढ़ा होता है आवश्यकता न होने पर या सफाई करते समय इस फ्रेम को बाहर निकाल दिया जाता है ।


( vii ) प्रकाश व्यवस्था - एक कम बॉट के बल्ब द्वारा फ्रिज के अन्दर प्रकाश व्यवस्था होता है जिसका सम्बन्ध दरवाजे से होता है की जाती है इसका सम्बन्ध एक स्वचालित बटन फ्रिज खोलने पर बल्ब जल जाता है दरवाजा बन्द करने पर बल्ब बन्द हो जाता है । 


( viii ) क्रिस्पेटर – फ्रिज में केबिनेट में सबसे नीचे एक प्लास्टिक की टोकरी होती है जिसका प्रयोग सब्जी , फलों को रखने के लिए किया जाता है । वायु संचरण व्यवस्था को ध्यान में रखकर इसकी व्यवस्था होती है । इसके ऊपर ढँकने के लिए मजबूत मोटी पारदर्शी काँच की प्लेट होती है । 


( ix ) मोटरयुक्त कम्प्रेशर या रेफ्रिजरेशन यन्त्र

यह वह मशीन है जो फ्रिज को ठण्डा रखने का काम करती है तथा केबिनेट की गर्म वायु बाहर निकालती है । यह मशीन केबिनेट के पिछले हिस्से में फिट होती है । इस रेफ्रिजरेशन यन्त्र के चार भाग होते हैं— 

( 1 ) कम्प्रेशर 

( 2 ) कण्डेंसर 

( 3 ) वाष्पक 

( 4 ) प्रसार 


फ्रिज के उपकरण

1. कम्प्रेशर - यह मुख्य भाग है जिसके द्वारा फ्रिज का तापमान न्यूनतम बिन्दु ( 0 ) तक लाया जाता है । इसका आकार गोलाकार फुटबाल के समान होता है इसके भीतर मोटर होती है जिस मोटर का सम्बन्ध बाहर की नलिकाओं तथा वाष्पक से होता है तथा यह वाष्पक कुण्डलियों से कम दाब तथा ताप वाली गैस खींचता है और उसे गैस को अधिक दाब तथा ताप वाली बनाकर कण्डेंसर में भेजता है । 


2. कण्डेंसर - कण्डेंसर अधिक दाब तथा ताप वाली गैस को अधिक दाब तथा सामान्य ताप वाले द्रव्य में बदलता है । अब इस द्रव्य को कम दबाव तथा कम ताप में बदल देता है । 


3. वाष्पक नलियाँ – कम दबाव तथा कम ताप वाला द्रव्य में इनमें जाता है तथा केबिनेट में रखे भोज्य पदार्थों की ऊष्मा सोखकर पुनः कम दबाव वाली गैस में बदल जाता है पुनः यही चक्र प्रारम्भ हो जाता है । ( फ्रिज में तरल द्रव्य के लिए अमोनिया , इथाइल , क्लोराइड , फ्रियॉन आदि जल्दी उबलने वाली गैसें भरी होती हैं ।


 4. प्रसार उपकरण - यह कम्प्रेशर के पास नीचे एक छोटा - सा यन्त्र होता है जिसका सम्बन्ध नियन्त्रक तथा कम्प्रेशर से होता है । नियन्त्रक पर जिस नम्बर पर ताप नियन्त्रित किया जाता है उस बिन्दु पर ताप नियंत्रित करने में रिले कम्प्रेशन को व्यवस्थित करता है।


( II ) फ्रिज का दरवाजा -

केबिनेट के समान दरवाजा भी इस्पात की दोहरी दीवार का बना होता है जिसके ऊपर पालिश होती है । दरवाजे के अन्दर चारों ओर चिकनाई अवरोधक रबर लगा रहता है जो इस मार्ग को वायुरोधक बनाता है ।


ताकि अन्दर का तापक्रम नियन्त्रित रहे । बाहर एक हैण्डिल लगा होता है जिसमें ताले की व्यवस्था भी रहती है । अन्दर की ओर शैल्फ होते हैं । ये शैल्फ निम्न हैं होते हैं-


( अ ) अण्डा रखने का स्थान - दरवाजे में ऊपर प्यालीनुमा उभारदार आकार के दो शैल्फ होते हैं जहाँ अण्डे रखते हैं।


( ब ) मक्खन व पनीर रखने का स्थान - इस खण्ड में खिसकने वाला छोटा प्लास्टिक का दरवाजा होता है जिसे आगे - पीछे कर सामान निकालते रखते हैं यहाँ पनीर , मक्खन , दवाई आदि रखते हैं । लिए तथा दूसरा छोटी बोतल रखने के लिए । 


( स ) बोतल रखने के शैल्फ - ये दो शैल्फ होते हैं — एक बड़ी लम्बी बोतल रखने के लिए तथा दूसरी छोटी बोतल रखने के लिए।


फ्रिज को प्रयुक्त करने की विधि - फ्रिज पूर्णतया सुखाकर नियन्त्रक पर मौसमानुसार ताप नियन्त्रित कर फ्रिज चालू करें । चालू करने के 30-45 मिनट बाद सामान उसके अन्दर रखें । 


दोष -

1. फ्रिज का काम न करना कारण-

( 1 ) विद्युत प्रवाह बन्द होना । 

( 2 ) नियन्त्रक 0 नम्बर पर होना या Defrost पर होना । 

( 3 ) कम्प्रेशर खराब होना जिससे गैस नहीं बनती । 

( 4 ) गैस या तरल द्रव्य समाप्त होना । 

( 5 ) रिले खराब होना । 

( 4 ) कम्प्रेशर बदलवायें । 

( 5 ) रिले बदलवायें । 


मरम्मत – ( 1 ) फ्यूज प्लग चैक करें । ( 2 ) नियन्त्रक व्यवस्थित करें । ( 3 ) गैस भरवायें । 


( II ) फ्रिज ठण्डा न होना । 

कारण- 

( 1 ) वाष्मक नली से फ्रीजर या केबिनेट का सम्बन्ध ढीला होना । 

( 2 ) गास्केट खराब होना । 

( 3 ) जरूरत से अधिक सामान रखने पर । 

( 4 ) बार - बार खोलने पर , अधिक देर

( 5 ) गर्म भोज्य पदार्थ रखने पर 

( 6 ) नियन्त्रक व्यवस्थित न होने पर 

( 7 ) अधिक बर्फ जम जाने पर 


मरम्मत-

( 1 ) वाष्पक नलियों के दोष के लिए मैकेनिक से चैक करवायें । 

( 2 ) गास्केट बदलवायें । 

( 3 ) फ्रिज में से हल्के बर्तन एवं अतिरिक्त सामान निकाल दें । 

( 4 ) फ्रिज बार - बार न खोलें , खोलकर शीघ्र बन्द करें । 

( 5 ) फ्रिज पदार्थ जब साधारण कमरे के तापक्रम पर आ जाये तब फ्रिज में रखें । 

( 6 ) नियन्त्रक व्यवस्थित करें । 

( 7 ) फ्रिज बन्द कर साफ करें । 


( III ) फ्रिज का आवाज करना का कारण-

( 1 ) रिले में दोष आने पर 

( 2 ) विद्युत प्रवाह में बार - बार अन्तर आने पर 

( 3 ) फ्रिज समतल स्थान पर न रखने से ।


मरम्मत- 

( 1 ) रिले चैक करवायें । 

( 2 ) विद्युत प्रवाह प्रभावित होने पर फ्रिज बन्द कर दें । 

( 3 ) स्वचालित स्टेबलाइज़र का प्रयोग करें । 

( 4 ) फ्रिज की चौकी समतल स्थान पर रखकर उस सफाई - फ्रिज बन्द कर उसकी बर्फ स्वयं पिघलने दें खरोंचकर न निकालें । फ्रिज के अलग हो सकने वाले सब पार्ट्स अलग कर खाने वाले सोडे के घोल से साफ कर सूखे कपड़े से पोंछ लें । गास्केट को कपड़े से पोंछकर साफ़ करें । पर फ्रिज रखें । 


फ्रिज से सावधानियाँ 

( 1 ) फ्रिज लकड़ी की चौकी पर रखें । 

( 2 ) फ्रिज तथा दीवार के बीच 1-1.5 ' का अन्तर हो इसके लिए उचित है कि उसे दीवार के बीच ( कोने ) रखें । 

( 3 ) जहाँ फ्रिज रखें वहाँ सूर्य का सीधा प्रकाश न पड़े । 

( 4 ) फ्रिज में बहुत गर्म चीजें एकदम न रखें । 

( 5 ) फ्रिज में खाद्य पदार्थ ढँककर रखें । 

( 6 ) कच्चे भोज्य पदार्थ पॉलीपेक में डालकर रखें । 

( 7 ) बहुत भारी वर्तन न रखें । 

( 8 ) फ्रिज के फ्रीजर में पानी की ट्रे नीचे से पोछकर रखें ताकि नीचे चिपके न । यदि ट्रे चिपक जाये तो चाकू से या पेचकस से न निकालें । 

( 9 ) फ्रिज बार - बार न खोलें थोड़े समय के अन्तर में प्रयोग आने वाली चीजें एक साथ निकाल लें । फ्रिज बहुत देर तक खुला न रखें । 

( 10 ) बर्फ की पर्त ½ " मोटी होने पर फ्रिज साफ करें ज्यादा बर्फ न जमने दें । 

( 11 ) फ्रिज से कम मात्रा में पानी गर्म करने के लिये सुविधाजनक उपकरण है जो समय शक्ति बचाता है । 

( 12 ) फ्रिज के लिये अर्थ वायर का प्रयोग अवश्य करें तथा श्री पिन प्लग प्रयोग करें । 

( 13 ) विद्युत प्रवाह बार - बार कम - अधिक होने पर फ्रिज बन्द कर दें । 

( 14 ) सफाई के बाद फ्रिज चालू कर % घण्टे बाद उसमें सामान रखें । 

( 15 ) बर्फ पिघलने पर पुनः उसी पानी से बर्फ न जमायें । 

( 16 ) केला , खरबूजा , फ्रिज में न रखें , इनकी महक तेज होती है । 

( 17 ) आने वाली महक दूर करने के लिए खाने का सोडा सूखा या घोल बनाकर फ्रिज में रखें , महक नहीं आयेगी ।


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