Knowledge and Curriculum Question answer in Hindi.

Knowledge and Curriculum Question answer in Hindi. ( ज्ञान एवं पाठ्यक्रम )

प्रकृतिवाद के समर्थकों में शामिल नहीं है-
( अ ) इक्सने एवं हरबर्ट स्पैन्सर 
( ब ) बर्नार्ड शॉ एवं सेम्मुअल बटलर 
( स ) कॉम्टे एवं रूसो 
( द ) इनमें से कोई नहीं 

" इएमाइन एल एजुकेशन " ग्रंथ है- 

( अ ) रूसो का

( ब ) कॉम्टे का 

( स ) हींगल का 

( द ) हॉब्स का 


" प्रकृतिवाद आदर्शवाद के विपरीत मस्तिष्क को पदार्थ के अधीन मानता है और यह विश्वास करता है कि अन्तिम यथार्थ भौतिक है , आध्यात्मिक नहीं है । " 

( अ ) थामस एवं लैंग का 

( ब ) हॉकिन्स का 

( स ) पैरी का 

( द ) रस्क का 


" प्रकृतिवाद तथा मीमांसा है जो प्रकृति को सम्पूर्ण वास्तविकता मानता है । वह भौतिक या सांसारिक या आलौकिक वस्तु को बाहर निकाल फेकता है । कथन है-

( अ ) हॉकिन्स का 

( ब ) पैरी का 

( स ) एडम्स का 

( द ) रस्क का


" प्रकृतिवाद विज्ञान का दार्शनिक सामान्यीकरण है । विज्ञान के सिद्धान्त का दर्शन की समस्याओं के लिए प्रयोग है । " कथन है -

( अ ) पैरी का 

( ब ) रस्क का 

( स ) हॉकिन्स का 

( द ) एडम्स का 


" प्रकृतिवाद एक दर्शन है जो उन लोगों द्वारा अपनाया जाता है , जो दर्शन की वैज्ञानिक व्याख्या करते हैं । " कथन है 

( अ ) रस्क का 

( ब ) पैरी का 

 स ) कॉन्टे का 

( द ) अरस्तू का


" प्रकृतिवाद को शिक्षा की उन प्रणालियों के लिए प्रयोग किया जाता है जो स्कूलों तथा पुस्तकों पर निर्भर नहीं है अपितु विद्यार्थियों के वास्तविक जीवन को सीधे मार्ग पर डालती है । " कथन है- 

( अ ) एडम्स का 

( ब ) रस्क का 

( स ) पैरी का

( द ) हॉकिन्स का


प्रकृतिवाद पर किसके द्वारा अधिक बल दिया गया है-

( अ ) पुस्तकीय ज्ञान का विरोध 

( ब ) बालक की स्वतन्त्रता 

( स ) निषेधात्मक शिक्षा 

( द ) उपर्युक्त सभी


प्रकृतिवाद शिक्षा की विशेषताएँ / लक्षण / गुण है-

( अ ) पुस्तकीय ज्ञान का विरोध 

( ब ) बालक की स्वतंत्रता 

( स ) निषेधात्मक शिक्षा 

( द ) उपर्युक्त सभी


प्रकृति की ओर लौटो संबंधित है- 

( अ ) आदर्शवाद से 

( ब ) प्रकृतिवाद से

( स ) प्रयोजनवाद से 

( द ) यथार्थवाद से 


प्रकृतिवाद के सिद्धान्त है-

( अ ) मनुष्य की समस्त शक्तियाँ उसकी प्रकृति के अनुसार सीमित है । 

( ब ) वर्तमान जीवन वास्तविक जीवन है । 

( स ) विचार प्राकृतिक वातावरण पर निर्भर करते है 

( द ) उपर्युक्त सभी 


प्रकृतिवाद का रूप है-

( अ ) पदार्थवादी प्रकृतिवाद 

( ब ) यन्त्रवादी प्रकृतिवाद 

( स ) जैविक प्रकृतिवाद 

( द ) उपर्युक्त सभी


प्रकृतिवादी शिक्षा के उद्देश्य है- 

( अ ) उचित सहज सम्वाद क्रियाओं का निर्माण 

( ब ) प्रजातीय एकता की प्राप्ति 

( स ) मानव यंत्र को पूर्ण बनाना 

( द ) उपर्युक्त सभी 


प्रकृतिवाद के के पाठ्यचर्चा की विशेषताएँ हैं-

( अ ) मूल प्रवृत्तियों की रूचियों और क्षमताओं का महत्व 

( ब ) व्यक्तिगत विभिन्न का महत्व 

( स ) व्यावहारिक जीवन से संबंधित विषयों की प्रधानता 

( द ) उपर्युक्त सभी 


प्रसिद्ध प्रकृतिवादी विचारक हरबार्ट स्पेन्सर ने किस विषय की शिक्षा को विशेष महत्व दिया है ?

( अ ) विज्ञान 

( ब ) गणित 

( स ) भूगोल 

( द ) इनमें से कोई नहीं


प्रकृतिवादियों द्वारा अपनाई गई शिक्षण विधियाँ हैं- 

( अ ) करके सीखना 

( ब ) स्वानुभव द्वारा सीखना 

( स ) खेल द्वारा शिक्षा 

( द ) उपर्युक्त सभी


प्रकृतिवादियों द्वारा प्रतिपादित नवीन शिक्षण पद्धतियाँ हैं-

( अ ) धूरिस्टिक पद्धति 

( ब ) प्रोजेक्ट प्रणाली

( स ) डाल्टन पद्धति 

( द ) उपर्युक्त सभी 


प्रकृतिवाद का आधुनिक शिक्षा पर प्रभाव है-

( अ ) व्यवहारवाद को जन्म 

( ब ) बालक की स्वतन्त्रता का सर्वप्रथम उद्घोष 

( स ) अनुभव एवं ज्ञान का महत्वपूर्ण स्थान 

( द ) उपर्युक्त सभी 


निषेधात्मक शिक्षा को उपयुक्त मानते थे-

( अ ) रूसो 

( ब ) कॉम्टे 

( स ) फ्रॉबेल 

( द ) हरबार्ट स्पेन्सर


निषेधात्मक शिक्षा के गुण है-

( अ ) समय की बचत नहीं 

( ब ) पुस्तकीय ज्ञान नहीं

( स ) आदत निर्माण नहीं 

( द ) उपर्युक्त सभी


प्रकृतिवाद के गुण है-

( अ ) वैज्ञानिक विषयों का समावेश 

( ब ) सह - शिक्षा पर अधिक बल 

( स ) व्यवहारवादी मनोविज्ञान का प्रारंभ 

( द ) उपर्युक्त सभी


Knowledge and Curriculum Question answer in Hindi.
Knowledge and Curriculum Question answer

प्रकृतिवाद के दोष / अवगुण / कमियाँ / सीमाएँ हैं-
( अ ) उच्च शैक्षिक उद्देश्यों का अभाव 
( ब ) भविष्य की तुलना में वर्तमान की आवश्यकता पर अधिक जोर 
( स ) स्वतन्त्रता पर आवश्यकता से अधिक बल 
( द ) उपर्युक्त सभी

सुख-दुःख के सिद्धांत के प्रतिपादक हैं-

( अ ) कॉम्टे 

( ब ) हॉब्स 

( स ) हींगस

( द ) हरबार्ट स्पेन्सर


" शिक्षा का अर्थ , प्रत्येक मनुष्य के मस्तिष्क में अदृश्य रूप से विद्यमान संसार के सर्वमान्य विचारों को प्रकाश में लाना है । " यह कथन किसका है ?

( अ ) सुकरात

( ब ) विवेकानन्द 

( स ) रवीन्द्रनाथ टैगोर 

( द ) काण्ट ।


' शिक्षा ' शब्द की उत्पत्ति किस भाषा से हुई है ?

( अ ) अंग्रेजी 

( ब ) फ्रेंच 

( स ) लैटिन

( द ) मन्दारिन ।


शिक्षा का संकुचित रूप है-

( अ ) विद्यालयों में दी जाने वाली शिक्षा

( ब ) परिवार द्वारा दी जाने वाली जानकारी 

( स ) समाज से प्राप्त व्यवहार ज्ञान 

( द ) धर्मिक शिक्षण संस्थाओं में दी जाने वाली शिक्षा ।


शिक्षा की व्याख्या जन्मजात शक्तियों को व्यक्त करने की प्रक्रिया के रूप में करते हैं-

( अ ) सुकरात 

( ब ) फ्रोबेल 

( स ) महात्मा गांधी 

( द ) उपर्युक्त सभी


शिक्षा को वैयक्तिकता के पूर्ण विकास की प्रक्रिया के रूप में स्वीकार करते हैं-

( अ ) नन एवं पेस्टालॉजी 

( ब ) काण्ट 

( स ) रवीन्द्र नाथ टैगोर 

( द ) उपर्युक्त सभी 


प्लेटो के तार्किक चिन्तन के स्थान पर अनुभव केन्द्रित निरीक्षण पर बल दिया-

( अ ) अरस्तू ने 

( ब ) जॉन लॉक ने 

( स ) हरबर्ट स्पेन्स ने 

( द ) हर्बर्ट ने 


आधुनिक समय में यथार्थवाद के मुख्य प्रवर्तक हैं-

( अ ) हाइटटेड की 

( ब ) रसेल की 

( स ) ( अ ) व ( ब ) दोनों 

( द ) इनमें से कोई नहीं


असंगत युग्म को छांटिए 

( अ ) यथार्थवाद : हमारे चारों ओर जो संसार है वही यथार्थ है ।

( ब ) अरस्तू : वास्तविक ज्ञान वस्तुओं के अस्तित्व पर ही निर्भर है 

( स ) हरबर्ट : यथार्थता का अस्तित्व प्रत्यक्ष अनुभव से परे है

( द ) इनमें से कोई नहीं


' दर्शन ' शब्द किस भाषा की देन है ?

( अ ) ग्रीक 

( ब ) लैटिन 

( स ) फ्रेंच 

( द ) जर्मन । 


" शिक्षा संवाद की प्रक्रिया और स्नेह की अनुभूति है । " यह कथन किस विद्वान का है ?

( अ ) जे . कृष्णामूर्ति 

( ब ) रवीन्द्रनाथ टैगोर 

( स ) स्वामी विवेकानन्द

( द ) गाँधेजी । 


शिक्षा का शाब्दिक अर्थ है-

( अ ) नियंत्रित करना 

( स ) विकसित करना 

 ( ब ) पालन पोषण करना 

( द ) उपर्युक्त सभी


" शिक्षा के संकुचित अर्थ का तात्पर्य बच्चों द्वारा उनकी शक्तियों के विकास के लिए चेतनापूर्ण प्रयास से है । " यह कथन किस विद्वान् का है ? 

( अ ) मैकेंजी 

( ब ) गाँधीजी 

( स ) अरविन्दो घोष 

( द ) स्वामी विवेकानन्द । 


' दर्शन ' अंग्रेजी शब्द फिलॉसफी का हिन्दी रूपान्तरण है , इसका अर्थ है-

( अ ) ज्ञान - प्रेम

( ब ) संस्कृत - प्रेम ।

( स ) दार्शनिक स्थलों से प्रेम

( द ) मानव - प्रेम।


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