परदे और ड्रेपरी में क्या अंतर होता है? | Difference between Curtain and Drapery

परदे और ड्रेपरी में क्या अंतर होता है? What is the difference between curtain and drapery?

परदे और ड्रेपरी - घर के विभिन्न कमरों के दरवाजों पर परदे भी टांगे जाते हैं। इसके फलस्वरूप कमरों की सौन्दर्य वृद्धि के साथ-साथ एकान्तता भी उत्पन्न होती है ड्रेसरी भी इसीलिए की जाती हैं, किन्तु परदे और ड्रेपरी के उपयोग सर्वथा अलग-अलग होते हैं ।

परदे और ड्रेपरी में क्या अंतर होता है? | Difference between Curtain and Drapery

परदे खिड़की और दरवाजों के हिस्से को ढकते हैं तथा इनको ऊपर - नीचे की तरफ डोरी से पिरोकर बाँधा जाता है । इसके विपरीत ड्रेपरी को पूरी खिड़की को ढकते हुए टांगा जाता है । यदा - कदा इसकी निचाई को फर्श की सलह तक भी ले जाया जाता है । परदे और ड्रेपरी के वस्त्र का चुनाव करते समय उसके प्रयोजन पर अवश्य विचार करना चाहिए ।


यदि परदे को मात्र सजावट हेतु ही प्रयोग किया जाना हो, तो इनकी कमरे के रंग योजनानुरूप आकर्षक डिजाइनों में खरीदना चाहिए और यदि उपयोगिता के सन्दर्भ में इनका चयन करना हो, तो ऐसे परदों में अपारदर्शिता, भारीपन लिए हुए गहरे रंग वाले परदों का चुनाव करना चाहिए।


विभिन्न प्रकार के परदों का पारदर्शी अथवा अपारदर्शी होना इस तथ्य पर ही आधारित है कि खिड़की की दूसरी ओर का रुख किस प्रकार का है, अर्थात् यदि खिड़की किसी बाग - बगीचे की ओर खुलती है तब उस पर झीना-सा अथवा पारदर्शी वस्त्र टांगना चाहिए।


यदि खिड़की का रुख धूप की ओर हो अथवा किसी सड़क या गली की तरफ खुलता हो, तो एकांकता उत्पन्न करने के लिए उस पर अपारदर्शी मोटे वजन वाले रंगीन कपड़े टांगना चाहिए। इनका रंग समुचित रूप से पक्का और टिकाऊ होना चाहिए , ताकि धुलाई के पश्चात् वे बदरंग न हो सके । जिन परदों को धूप और धूल आदि से बचने के लिए टांगा जना हो, उनको तो आवश्यकता अत्यधिक मजबूत भी होना चाहिए।


परदों और ड्रेपरी को नित्यप्रति धोकर साफ नहीं किया जाता है। इसलिए इनको एक दो मास में ही धोकर साफ कर लेना चाहिए । यह कपड़ा ऐसा हो कि धुलाई के पश्चात् सिकुड़ न सके। यह कपड़े सामान्यतया सूत निर्मित होते हैं तथा इनमें हैण्डलूम निर्मित वस्त्र का प्रचलन अत्यधिक बढ़ गया है । कतिपय सम्पन्न घरों में रेयॉन और टेरीलीन के कपड़े का भी प्रयोग किया जाने लगा है।


परदों का चुनाव करते समय उस पर धूप, हवा, पानी और प्राश आदि से उत्पन्न परिणामों को भी समझ लेना चाहिए यदा-कदा कुछ स्थानों में अज्ज्वलशील परदों को भी उपयोग किया जाता है। वर्तमान युग में ग्लास फाइबर से बने वस्त्रों के परदे भी इस्तेमाल होते हैं। यह अत्यधिक मजबूत टिकाऊ भी होते हैं और इनको अति सरलतापूर्वक धोकर सुखाया भी जा सकता है। यह वस्त्र धुलाई के पश्चात् न तो सिकुड़ते हैं और न ही फैलकर भद्दे हो जाते हैं । अत्यधिक चिकने होने से इन पर धूल भी नहीं जम पाती है। इसलिए इन्हें अत्युत्तम माना जाता है।


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