सूती वस्त्र का महत्व | Sooti Vastr ka Mahatv
भारत जैसे ऊष्ण जलवायु वाले देश के लिए कपास से बने सू वस्त्र ही अधिक उत्तम हैं । इनका कारण सहित विवेचना इस प्रकार से है-
1. नमी सोखने की क्षमता अधिक ( Absorbency )
कपास के ब सूती कपड़े नमी व आर्द्रता को शीघ्रता से अवशोषित करने की क्षमता रखते है। इस प्रकार गर्मी में सूती वस्त्र अनुकूल होते हैं क्योंकि नमी को सोखने के कारण एवं वस्त्र गर्मी के दिनों में ठण्डे रहते हैं और शरीर को शीतलता प्रदान करते हैं।
2. सफाई व धुलाई ( Cleaning & Washing Ability )
गर्मी के दिन में पसीने के कारण वस्त्र बहुत जल्दी गन्दे होते हैं । सूती वस्त्रों पर धूल के कण जम जाने के कारण वे जल्दी गन्दे हो जाते हैं लेकिन फिर भी गर्मी के दिनों सूती वस्त्र ही उत्तम माने जाते हैं क्योंकि सूती वस्त्रों की धुलाई आसान व साधार होती है । ये वस्त्र अन्य वस्त्रों की अपेक्षा जल्दी व अधिक स्वच्छ हो जाते है। इनकी नियमित धुलाई भी की जा सकती है ।
3. ताप संवाहन ( Heat Conductivity )
कपास के तन्तु ताप के अ संवाहक होते हैं । इसीलिए गर्मी के दिनोंमें सूती वस्त्र उत्तम परिधान माने जाते हैं । सूती वस्त्र देखने व पहनने में शीतलता का अनुभव करते हैं। ये तन्तु शरीर गर्मी को बाहर निकालते रहते हैं । अतः शीतलता प्रदान करते हैं ।
4. घर्षण का प्रभाव ( Effect of friction )
सूती वस्त्र को धोते सम् मलने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इसकी शक्ति यथावत् बनी रहती है इसलि धोते समय इसे हाथ से रगड़ा जा सकता है।
5. प्रकाश का प्रभाव ( Effect of Sunlight )
कपास के तन्तुओं पर सूर्य की किरणों का कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है । अधिक देर तक सूर्य के प्रकाश में रहने से कपास तन्तु कमजोर व पीला पड़ जाता है । यही कारण है कि गर्मी में यह तन्तु उत्तम रहते हैं।
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