हण्टर कमीशन 1882 द्वारा प्राथमिक शिक्षा पर दिए गए सुझावों पर संक्षिप्त लेख लिखिए
हण्टर कमीशन ने प्राथमिक शिक्षा की नीति के सम्बन्ध में निम्न सुझाव दिये-
( 1 ) इसका उद्देश्य विद्यार्थी तैयार करना न होकर जन-शिक्षा का प्रसार होना चाहिए।
( 2 ) प्राथमिक शिक्षा को व्यावहारिक बनाया जाय। पाठ्य विषय में छात्रों को आत्म-निर्भर बनानेवाले विषय हों ।
( 3 ) सरकार का कर्तव्य है कि प्राथमिक विद्यालय को पूर्ण संरक्षण प्रदान करे।
( 4 ) सरकार आदिवासियों की शिक्षा का भी प्रबन्ध करे।
संगठन -
कमीशन ने सारा प्रबन्ध जिला तथा म्युनिसिपल बोड़ों को सौंप दिया। इन स्थानीय बोड़ों का निर्माण लॉर्ड रिपन ने ' काउण्टी काउन्सिल ऑफ इंग्लैण्ड ' के आधार पर कराया था । इन स्थानीय संस्थाओं को सह आदेश दिया गया कि वे प्राथमिक शिक्षा का समस्त उत्तरदायित्व अपने ऊपर लेंगी और उसे ठीक प्रकार से निभायेंगी । आयोग ने सरकार को जनसाधारण में शिक्षा प्रसार करने के भार से मुक्त कर दिया।
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पाठ्यक्रम -
पाठ्यक्रम के सम्बन्ध में प्रत्येक प्रान्त को अपनी सुविधानुसार पाठ्य - विषय निर्धारित करने की छूट दे दी गयी पर भौतिक विज्ञान, कृषि, चिकित्सा, बही - खाता, क्षेत्रमिति आदि कुछ जीवनोपयोगी विषयों को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने की सिफारिश की गयी।
आर्थिक व्यवस्था से सम्बन्धित सुझाव-
स्थानीय संस्थाओं को प्राथमिक शिक्षा के लिए एक निश्चित धनराशि अलग रख लेनी चाहिए । प्रान्तीय सरकार को इस दिशा में सहायता देनी चाहिए । प्राथमिक विद्यालयों के कोष पृथक् कर दिये जायँ जिससे ग्रामों में व्यय होनेवाला धन ग्राम में ही खर्च हो , नगर में उसका उपयोग न किया जा सके । स्थानीय कोष केवल प्राथमिक शिक्षा पर ही व्यय हो । प्रान्तीय सरकार स्थानीय कोष का आधा या सम्पूर्ण व्यय का 1/3 भाग प्राथमिक शिक्षा के लिए सहायता के रूप में प्रदान करेगी ।
प्रशिक्षण विद्यालयों की व्यवस्था
विद्यालयों के शिक्षण स्तर की उन्नति के लिए प्रशिक्षिन अध्यापकों की कमी है । नार्मल स्कूल खोलने का सुझाव देते हुए निम्न मत व्यक्त किये गये -
( i ) प्रत्येक विद्यालय निरीक्षक के क्षेत्र में कम - से - कम एक नार्मल स्कूल की व्यवस्था अवश्य हो ।
( ii ) प्रत्येक विद्यालय निरीक्षक अपने अधीनस्थ प्रशिक्षण विद्यालयों के कार्य में रुचि लें और उनके कुशल संचालन की व्यवस्था करें ।
( iii ) प्राथमिक विद्यालयों के लिए निश्चित व स्वीकृत धनराशि में से प्रारम्भिक विद्यालयों के निरीक्षण व नार्मल स्कूलों की स्थापना पर ध्यान दिया जाय।
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