पाठ्यपुस्तक के प्रमुख गुण / Key features of the textbook
पाठ्य पुस्तक एक अधिगम साधन है जिसका प्रयोग विद्यालयों तथा कालेजों में शिक्षण कार्य को परिपूरित करने के लिए किया जाता है। पाठ्य-पुस्तक मुद्रित, सजिल्द होती है जो कि शिक्षण उद्देश्यों या अभिप्रायों की पूर्ति करती है।
उत्तम पाठ्य पुस्तक में निम्नलिखित गुण होने चाहिए-
1. पुस्तक की बाह्य आकृति सुन्दर हो। प्रारम्भिक स्तर की पाठ्य-पुस्तक चित्रमय होनी चाहिए, क्योकिं इस अवस्था के बालक रंग-बिरंगे चित्रों को पसन्द करते हैं। माध्यमिक स्तर के पाठ्य-पुस्तक की आकृति सरल व साधारण होनी चाहिए।
2. पुस्तक में चिकना कागज प्रयुक्त किया जाय। यदि उसमें प्रदर्शनात्मक सामग्री का उपयोग किया जा रहा है तो उसमें आर्ट पेपर का प्रयोग किया जाना चाहिए। पुस्तक की टाइप छात्रों की आयु के अनुसार हो। छपाई साफ तथा शुद्ध होनी चाहिए। प्रारम्भिक कक्षाओं के छात्रों की पाठ्य पुस्तक में मोटा टाइप प्रयुक्त किया जाय, जिससे पढ़ने में छात्रों की आंखों पर जोर न पड़े ।
3. पुस्तक की जिल्द सुदृढ़ होनी चाहिए।
4. पुस्तक में पाठ्यवस्तु निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार पूर्ण हो।
5. पाठ्य पुस्तक का प्रस्तुतीकरण ऐसे ढंग से किया जाय जिससे बालकों में समस्याओं को हल करने की योग्यता स्वतः आ जाय।
6. जिस स्तर के लिए पाठ्य पुस्तक हो, उसकी पाठ्य वस्तु उस स्तर के शिक्षण के उद्देश्यों तथा लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक हो। नागरिक शास्त्र शिक्षण का मुख्य लक्ष्य आदर्श नागरिक उत्पन्न करना है। इसके लिए उसकी पाठ्य वस्तु ऐसी होनी चाहिए जिससे उनमें उत्तरदायित्वपूर्ण करने की भावना, सहयोग, सहनशीलता, नेतृत्व, धैर्य आदि के गुणों का विकास हो जाय।
7. पुस्तक की प्रस्तावना ऐसी हो जिसे देखकर पाठक उसके गुणों तथा पाठ्य पुस्तकों के विषय में संक्षिप्त ज्ञान प्राप्त कर सके।
8. पुस्तक की भाषा और शैली छात्रों के अनुकूल हो।
9. पुस्तक का विषय संगठन इस प्रकार होना चाहिए जिससे छात्रों को दूसरों विषयों की सानुबन्धता का ज्ञान हो जाय। पुस्तक का संगठन समीपवर्ती सिद्धान्त के अनुसार हो।
10. माध्यमिक स्तर की पाठ्य पुस्तक प्रकरण, इकाईयों, समस्याओं तथा योजनाओं के रुप में होनी चाहिए।
11. पुस्तक में चित्रों, चार्ट, ग्राफ, मानचित्र आदि का भी प्रयोग किया जाय। संगठन तथा क्रियात्मक चार्ट भी प्रयुक्त किए जाने चाहिए।
12. प्रत्येक अध्याय के अन्त में अभ्यास के लिए कुछ प्रश्न दिए जाने चाहिए, जिससे छात्र उनका प्रयोग कर सके।
13. पुस्तक के अन्त में सहायक पुस्तकों की सूची दी जानी चाहिए। परन्तु इसमें उन्हीं को स्थान दिया जाना चाहिए, जो छात्रों के लिए उपयुक्त हैं।
14. उच्चतर माध्यमिक स्तर की पाठ्य पुस्तकों में घटनाओं या व्यक्तियों के विषय में पूर्ण सूचनाएँ प्रदान की जानी चाहिए। इस स्तर की पाठ्यपुस्तकों में आलोचनात्मक विवेचन पर बल दिया जाय तथा बालकों के समक्ष ग्राफ एवं चार्टो द्वारा सूक्ष्म विचारों एवं संख्यात्मक पक्ष को स्पष्ट किया जाय। विषय का प्रतिपादन बालकों को स्वतंत्र चिन्तन, तर्क एवं निर्णय करने के लिए अवसर प्रदान करे। इन पुस्तकों में लेखकों द्वारा जो आलोचनात्मक विचार प्रदान किए जाए, वे संक्षिप्त एवं सांकेतिक होने चाहिए।
15. पाठ्य पुस्तक का मूल्य भी कम होना चाहिए।
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