भारतीय शिक्षा में मैकाले की देन | Macaulay's contribution to Indian education in Hindi
1. मैकाले का विवरण-पत्र भारतीय शिक्षा में ऐतिहासिक महत्त्व का शैक्षिक अभिलेख कहा जाता है, क्योंकि भारत में शिक्षा की स्थायी नीति निर्धारित करने का श्रेय इसे ही दिया जाता है ।
2. भारत में अंग्रेजी भाषा को शिक्षा का माध्यम निर्धारित कराकर मैकाले ने बहुत समय से चलें आ रहे प्राच्य पाश्चात्य विवाद का अन्त करा दिया था ।
4. मैकाले ने भारतवासियों के लिए पाश्चात्य साहित्य एवं विज्ञान को उपयोगी बताकर उसके ' अध्ययन पर बल दिया । इससे भारत में लोगों को पाश्चात्य साहित्य एवं विज्ञानों का ज्ञान प्राप्त करने का अवसर प्राप्त हुआ । अतः भारत ने शिक्षा, विज्ञान एवं औद्योगिक क्षेत्र में विशेष उन्नति की ।
5. प्राच्य साहित्य एवं भाषाओं के सम्बन्ध में मैकाले ने उन्हें अविकसित एवं अपरिष्कृत अवश्य बताया था , परन्तु वह उनके विकास के मार्ग में बाधक नहीं बना । लोक शिक्षा की सामान्य समिति के प्रधान के रूप में 1836 की अपनी रिपोर्ट में मैकाले ने लिखा था, " हमें देशी भाषाओं के विकास को प्रोत्साहन देने में अत्यधिक रुचि है । हम सोचते हैं कि देशी भाषाओं के साहित्य का निर्माण अन्तिम उद्देश्य हो और हमारे समस्त प्रयास इस दिशा में लग जाने चाहिए । "
6 . मैकाले धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त का पक्षपाती था इसीलिए उसने भारत में धर्म के विषय में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया । मैकाले भारतवासियों में व्याप्त रूढ़िवादिता, अन्धविश्वास और धार्मिक संकीर्णता को नष्ट कराकर उन्हें आधुनिक पाश्चात्य ज्ञान दिलाना चाहता था ।
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