कम्प्यूटर सहायक अनुदेशन के उपयोग ( Uses of Computer Assisted Instruction )
1. यह शिक्षक तथा छात्रों के लिए तथ्यों तथा सूचनाओं की प्राप्ति का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है।
2. यन्त्र निर्मित पाठ-योजना न सिर्फ रुचिकर होगी बल्कि सहज रूप से संक्षिप्त एवं परिणाम अभिमुख होगी।
3. छात्रों को उनकी गति तथा समय के अनुसार स्वयं सीखने के अवसर मिलते हैं।
4. छात्रों को वस्तुनिष्ठ तथा विशिष्ट पोषण उनकी अधिगम प्रक्रिया में प्राप्त होता है।
5. यन्त्र के द्वारा भूगोल से सम्बन्धित शीर्षक जीवन्त हो उठता है जो पारम्परिक विधि से सम्भव नहीं । स्पष्ट , रुचिकर तथा जीवन्त उपकरणों की सहायता से विशेषकर कमजोर विद्यार्थियों के अधिगम स्तर को बढ़ाया जा सकता है, साथ ही यन्त्रों की मदद से उनकी अवधारणा को स्पष्ट भी किया जा सकता है।
6. इस तकनीक के प्रयोग से विशेषकर मानचित्रों एवं आकृतियों के रेखांकन में काफी समय की बचत होती है और इस समय का सदुपयोग शीर्षकों से सम्बन्धित और अधिक क्लिप्सों को दिखाकर किया जा सकता है ।
7. सांख्यिको ग्राफों की सहायता से विभिन्न पक्षों के तुलनात्मक अध्ययन के द्वारा अर्थशास्त्र को सरल तथा अधिक ग्राह्य बनाया जा सकता है ।
8. सांख्यिकी ग्राफों को देखकर विद्यार्थी अपनी समझ से विभिन्न पक्षों का आकलन कर सकता है , जो विद्यार्थी के सोचने-विचारने की क्षमता को बढ़ाने में सहायक होगा ।
9. उबाऊ भाषण व पठन की तुलना में सी. डी. में उपलब्ध क्लिप/एनिमेशन की मदद से इतिहास शिक्षण के स्तर में अभिवृद्धि की जा सकती है ।
10. इस प्रोजेक्टर में कम्प्यूटर को प्रयोग में लाते हुए विषयों तथा भाषाओं के शिक्षण की एक समृद्ध योजना है ।
11. भाषा के शिक्षण से सम्बन्धित विषयों को परिणाम अभिमुख बनाने के लिए ध्वनि , ग्राफिक्स , विषय - वस्तु तथा चित्रों की सहायता से निर्धारित पाठ के लिए मल्टीमीडिया प्रभाव को कार्य में लाया जा सकता है I
12. यह प्रोजेक्ट शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में नवाचारों के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित करता है , पाठों के निर्माण में नवीनता का समावेश करने के प्रति शिक्षकों की अभिरुचि में अभिवृद्धि करनी होगी ।
13. कम्प्यूटर के द्वारा शिक्षण एवं अधिगम के अन्तर्गत विद्यार्थियों में व्याख्यान सुनने के प्रति उत्साह पाये जाने के साथ नये तरीकों की खोज एवं प्रयोग को महत्त्व देते हुए विद्यार्थियों की समझ के अनुरूप नई सरल शिक्षण विधि का सूत्रपात किया जाता है।
14. अंग्रेजी जिसमें विद्यार्थियों का स्तर काफी निराशाजनक है और जिस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है , प्रौद्योगिकी के उपयोग से सुधार लाया जा सकता है ।
15. गणितीय आकृतियों, जैसे— शंकु, बेलन, दीर्घवृत्त, परवलय आदि के चित्रांकन में ब्लैकबोर्ड की बजाय प्रौद्योगिकी के उपयोग से गणित जैसे विषयों के शिक्षण को और अधिक सटीक बनाया जा सकता है ।
16. त्रिपरिमाप अवधारणा की मदद से प्रौद्योगिकी का प्रयोग अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है ।
17. गणितीय अवधारणा जिसे समझने के लिए कल्पना शक्ति की होती है ,
18. सहज से कठिन , मूर्त से अमूर्त शिक्षण मॉड्यूलों को कम्प्यूटर की मदद से प्रभावी
19. अधिगम प्रक्रिया के अधिक प्रभावी होने पर आसानी से निगरानी रखी जा सकती है , साथ ही उपचारी उपायों को भी तत्काल उपलब्ध कराया जा सकता है ।
20. खेल - खेल में सीखने के निमित्त मॉड्यूलों में कठिन विषयों पर प्रश्नोत्तरी सुविधा शामिल करने से विषयों को अच्छी तरह से समझा जा सकेगा ।
21. कम्प्यूटर द्वारा छात्रों को अभ्यास ( Drill and Practice ) के अवसर प्रदान होते हैं ।
22. समय सारणी बनाने में कम्प्यूटर उपयोगी है ।
23. कम्प्यूटर मूल्यांकन प्रक्रिया में सहायक है ।
24. स्टाफ के वेतन बिल बनाने में कम्प्यूटर सफलतापूर्वक प्रयोग किया जाता है ।
25. कम्प्यूटर विभिन्न शिक्षा संस्थानों में प्रशासनिक समस्याओं के लिए महत्त्वपूर्ण योगदान देता है ।
26. विषय को विशालता तथा गम्भीरता तक सुगमता से पहुँचा जा सकता है ।
27 संसार भर के छात्रों तथा शिक्षकों के साथ पारस्परिक विचार - विमर्श हो सकता है ।
कम्प्यूटर सह-अधिगम की सीमाएँ ( Limitations of Computer Assisted Learning )
1. कम्प्यूटर सह - अधिगम बहुत खर्चीला है । "
2. कम्प्यूटर में प्रयुक्त मृदु उपागम ( Software ) बहुत कठिनाई से उपलब्ध होते हैं ।
3. हजारों स्कूलों में बिजली नहीं है, अत : कम्प्यूटर का प्रयोग ही नहीं हो सकता ।
4. कम्प्यूटरों के जल्दी-जल्दी खराब होने का भय रहता है तथा इनके मरम्मत की समस्या खड़ी हो जाती है ।
5. विद्युत उपकरण के रूप में कम्प्यूटर बालकों के लिए खतरनाक भी सिद्ध हो सकता है ।
6. कम्प्यूटर द्वारा सम्पन्न अधिगम कार्य में बालक स्वयं ही अधिगम कार्य करते हैं तथा उन्हीं का नियन्त्रण रहता है। इस कारण यह भय बना रहता है कि वे समय को बर्बाद कर सकते हैं और मनमर्जी का आचरण भी कर सकते हैं।
7. कम्प्यूटर द्वारा सम्पन्न अधिगम व्यवस्था एक मशीन के रूप में ही है।
8. कम्प्यूटर अधिगम से बालकों का भावनात्मक तथा संवेगात्मक विकास नहीं हो पाता । मानवीय मूल्य जैसे — प्रेम , सौहार्द्र , सहानुभूति आदि केवल अध्यापक छात्र के पारस्परिक सम्बन्ध से ही पनपते हैं ।
उपसंहार
- वर्तमान परिस्थितियों में औपचारिक अधिगम व्यवस्था में कम्प्यूटर सह अधिगम को लागू करना कठिन प्रतीत होता है । शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में कम्प्यूटरों का उपयोग होने वाले शैक्षणिक लाभों की तुलना में बहुत खर्चीला दिखाई देता है ।
कम्प्यूटर सह - अधिगम की क्रियाविधि ( Functioning of Computer Assisted Learning )
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