आधुनिक प्रौद्योगिकी का पर्यावरण पर प्रभाव - Impact of Advanced Technology on Environment
आधुनिक प्रौद्योगिकी का पर्यावरण पर प्रभाव:- मानव समाज के विकास में प्रौद्योगिकी की भूमिका अति महत्त्वपूर्ण है। पाषाण काल से ही प्रौद्योगिकी आम जनता को आवश्यक न्यूनतम वस्तुओं को सुलभ कराती रही है, किन्तु वर्तमान में प्रौद्योगिकी अधिक खतरनाक व विनाशकारी हो गई है क्योंकि तीव्र गति से प्राकृक्तिक संसाधनों के दोहन के साथ मानव प्रजाति भौतिकवादी प्रवृत्ति, उच्च उत्पादन पर अधिक जोर दे रही है।
आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में, जैसे निजी जीवन से लेकर कृषि, विज्ञान, परिवहन, उद्योग एवं अन्य क्षेत्रों में तकनीक का व्यापक उपयोग हो रहा है। निश्चित तौर पर तकनीक ने मानव जीव को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है किन्तु यह भी सत्य है कि आधुनिक प्राद्यौगिकी ने अधि एकांश पर्यावरणीय समस्याओं को भी जन्म दिया है। निम्नलिखित तथ्य आधुनिक प्रौद्योगिकी के अभिशाप को स्पष्ट करते हैं।
मनुष्य अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से अपने हित के लिये मौसम संबंधी दशाओं में परिवर्तन करने में समक्षम हो गया है। मनुष्य आज मेघ बीजन द्वारा वर्षा कराने तथा ओला-वृष्टि को रोकने में सक्षम हो गया है। इस तरह मनुष्य वायुमंडलीय प्रक्रमों में परिवर्तन करने लगा है और इन परिवर्तनों से जीवमण्डल प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता।
एयरकंडीशनर, स्प्रे, हेयर ड्रायर आदि के संचालन से क्लोरो फ्लोरों कार्बन के वायुमण्डल में पहुँचने से आजोन क्षरण हो रहा है जिस कारण सूर्य से उत्सर्जित पराबैंगनी किरणों के धरातर पर पहुँचने से तापमान में वृद्धि के साथ त्वाचा कैंसर की संभावना बढ़ती जा रही है।
परिवहन के आधुनिक साधनों के विकास तथा ऊर्जा की पूर्ति के लिये जीवाश्म ईंधनों का प्रयोग तथा इससे उत्पन्न कार्बन डाई आक्साइड से वायुमण्डल से सांद्रण में वृद्धि के कारण ग्लोबल वार्मिंग की समस्या उत्पन्न हो रही है। रासायनिक संयंत्रों से जहरीली गैसों के निकलने से न केवल वायु प्रदूषण होता है, बल्कि यह मानवीय स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालती है।
भोपाल गैस त्रासदी, यूक्रेन की चेनोंबिल तथा श्रीमाइल आइलैंड घटना आधुनिक प्रौद्योगिकी की असफलता से उत्पन्न गंभीर परिणाम है। आधुनिक प्रौद्योगिकी के खतरनाक परिणामों में जहरीले रसायनों का उत्पादन, कृत्रिम पदार्थों का उत्पादन तथा जीवों द्वारा विघटित न होने वाले पदार्थों की भारी मात्रा में उत्पादन (जैसे-प्लास्टिक) आदि प्रमुख हैं।
आज नाभिकीय अपशिष्ट का प्रबंधन मानव समाज के लिये गंभीर खतरा है। वास्तव में आधुनिक प्रौद्योगिकी से उत्पन्न होने वाले नकारात्मक प्रभाव मानव जीवन के खतरे के रूप में सामने आ रहें हैं।
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