शिक्षण के कक्षा उपागम का संक्षेप में वर्णन कीजिए
कक्षा उपागम: - कक्षा उपागम में शैक्षिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सम्प्रेषण महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में उपयोग होता है। इसमें शिक्षक सन्देश का स्रोत अथवा सन्देश देने वाला व्यक्ति तथा छात्र सन्देश ग्रहण करने वाले होते हैं। जहाँ तक सन्देश का प्रश्न है यह सन्देश पाठ्यक्रम की विषय - वस्तु से या सहगामी क्रियाओं से सम्बन्धित होता है।
शिक्षक, छात्रों को विषय - वस्तु या प्रकरण स्पष्ट करने के लिए शिक्षण सम्प्रेषण में शाब्दिक या अशाब्दिक दोनों ही प्रकारों का सम्प्रेषणों का प्रयोग प्रभावशाली ढंग से करने का प्रयास करते हैं । जिससे उसका शिक्षण सफल एवं प्रभावशाली बन जाता है।
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खन्ना, लाम्बा, सक्सेना एवं मूर्ति के अनुसार कक्षा - कक्ष में शिक्षक तथा छात्रों को एक साथ मिलकर कार्य करने के क्षेत्र में सम्प्रेषण एक प्रमुख साधन के रूप में कार्य करता है । कक्षा-कक्ष में शिक्षक तथा छात्रों को एक साथ बांधे रखने में उन्हें प्रभावित करने में सम्प्रेषण अहम भूमिका निभाता है । शिक्षक तथा छात्रों को एक सा बांधे रखने में, उन्हें प्रभावित करने में सम्प्रेषण अहम भूमिका निभाता है।
शिक्षक सैद्धान्तिक रूप से शिक्षण हेतु अपनी पाठ योजनाएँ बनाता है। शिक्षण विधियों, नीतियों, प्रविधियों आदि के प्रयोग पर विचार करता है और अपने विचार तथा योजनाओं के अनुसार शिक्षण हेतु इन्हें कार्यान्वित करने में, सम्प्रेषण का प्रयोग करके छात्रों को विषय वस्तु समझाने में सफलता प्राप्त करने का प्रयास करता है।