महाकवि कालिदास के विषय में क्या जनश्रुति है?
महाकवि कालिदास के विषय में यह जनश्रुति है कि वह बचपन में महामूर्ख थे। उसी काल में विद्योत्तमा नाम की एक विदुषी राजकुमारी थी। उसकी शर्त थी कि वह उसी को अपना पति बनायेगी जो शास्त्रार्थ में उसे हरा देगा। बड़े - बड़े विद्वान् उसे हरा न सके और अपमानित होकर लौट आये ।
वे ईर्ष्या की अग्नि में जल रहे थे । तभी उन्हें कालिदास दिखाई दिये जो वृक्ष की उसी डाली को काट रहे थे जिस पर स्वयं बैठे हुए थे । विद्वानों ने चालाकी से इन्हीं कालिदास से विद्योत्तमा का विवाह करा दिया । विद्योत्तमा को जब पता चला कि कालिदास तो मूर्ख हैं , उन्हें घर से निकाल दिया । कहते हैं कि फिर कालिदास काली माँ के वरदान से महाकवि बने ।
महाकवि कालिदास का जीवन परिचय लिखिए।
महाकवि कालिदास भारत के ही नहीं अपितु विश्व के एक श्रेष्ठ कवि हैं । वह संस्कृत साहित्य के कवियों में मुकुटमणि हैं । इनके जन्म स्थान , काल तथा कुल के सम्बन्ध में विद्वानों के विभिन्न मत हैं। कुछ विद्वान् इन्हें उज्जयिनी का, तो कुछ कश्मीर और बंगाल का निवासी मानते हैं।
प्राय : सभी विद्वान इन्हें सम्राट विक्रमादित्य के सभारत्नों में से एक रत्न मानते है । विक्रमादित्य का स्थितिकाल ईसवी सन पूर्व ही था, अतः कालिदास भी ईसवी सन् से पूर्व ही उत्पन्न हुए थे। इन्होंने दो महाकाव्य, दो खण्डकाव्य और तीन नाटकों की रचना की है।
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