व्याख्यान-सह प्रदर्शन विधि क्या है?
व्याख्यान-सह प्रदर्शन विधि अधिगम प्रक्रिया में यदि केवल मात्र अमूर्त विषय वस्तु के विषय में ज्ञान दिया जाये तो वह मस्तिष्क में स्थायी नहीं रह पाता है। मूर्तपन इसो कारण अपेक्षाकृत स्थायी रहता है। यही कारण है कि 'मूर्त से अमूर्त' का शिक्षण सूत्र एक एक सफल एवं उपयोगी सूत्र माना गया है।
प्रदर्शन विधि इसी सिद्धान्त पर आधारित है क्योंकि इससे आध्यापक छात्रों के सम्मुख प्रयोग का प्रदर्शन करता है, एवं व्याख्या विधि की सहायता से उस प्रयोग से सम्बन्धित विभिन्न पक्षों की व्याख्या करता है। छात्रों की ओर से भी इसमें सक्रिय सहयोग रहता है। इस विधि में इस प्रकार उनकी निरीक्षण एवं तर्क शक्ति का विकास होता है। पाठ एकपक्षीय न रहकर द्विपक्षीय हो जाता है और छात्रों और अध्यापक दोनों की पाठ में रुचि निरन्तर बनी रहती है।