वस्तुनिष्ठ परीक्षण के गुण एवं दोष - Merits and demerits of objective tests
वस्तुनिष्ठ परीक्षण का गुण
(1) वस्तुनिष्ठता,
(2) वस्तुनिष्ठता,
(4) व्यापकता
(5) विभेदकारिता।
वस्तुनिष्ठ परीक्षा के दोष बताइए
वस्तुनिष्ठ परीक्षा के दोष
(1) मानसिक क्रिया यांत्रिक बन जाती है।
(2) वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं के प्रश्न-पत्रों का निर्माण बहुत कठिन होता है।
(3) विचार संगठन का अभाव होता है।
(4) परीक्षक को बालकों के विषय में पूरी जानकारी नहीं हो पाती है।
वस्तुनिष्ठ परीक्षा के गुण ( Merits of Objective Test )
1. विश्वसनीयता- ये परीक्षाएँ विश्वसनीय होती हैं। इन परीक्षाओं को किसी बालक अथवा बालकों के समूह को जितनी बार दिया जाता है उतने ही बार इनके परीक्षाफलों में सम्बन्ध पाया जाता है।
2. वैधता - वस्तुनिष्ठ परीक्षाएँ उसी वस्तु का मापन करती हैं जिसके मापन के लिए इनका निर्माण किया जाता है। दूसरे शब्दों में, ये परीक्षाएँ वैध होती हैं।
3. वस्तुनिष्ठता - ये परीक्षाएँ निरपेक्ष होती हैं। इन पर परीक्षक की आत्मनिष्ठता का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
4. व्यापकता - वस्तुनिष्ठ परीक्षाएँ सम्पूर्ण विषय-क्षेत्र का मापन करती हैं। अतः ये परीक्षाएँ निबन्धात्मक परीक्षाओं की अपेक्षा अधिक व्यापक होती हैं।
वस्तुनिष्ठ परीक्षा के दोष ( Demerits of objective test )
(1) अधिगम तथा चिन्तन के अनेक ऐसे पक्ष हैं, जिनका मूल्यांकन वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं द्वारा ठीक ढंग से नहीं हो सकता।
(2) इस परीक्षा में छात्रों को अनुमान लगाने के अधिक अवसर प्राप्त होते हैं।
(3) वस्तुनिष्ठ परीक्षा का प्रश्न-पत्र निर्माण एक जटिल प्रक्रिया है, जिसके लिए विशेषज्ञ अध्यापक की आवश्यकता होती है। साथ ही इसको बनाने में बहुत सावधानीपूर्वक कार्य करना अपेक्षित होता है, जिसमें समय एवं श्रम दोनों ही अधिक लगता है।
(4) इसके द्वारा छात्रों की लेखन कौशल, अभिव्यक्ति क्षमता, समस्याओं के प्रति उनके दृष्टिकोण तथा उनकी अभिरुचियों, आदर्शों, भावनाओं आदि का मूल्यांकन सम्भव नहीं होता है।
वस्तुनिष्ठ परीक्षा
निबन्धात्मक परीक्षा के दोषों को दूर करने के उद्देश्य से वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं का निर्माण किया गया। यह परीक्षण का आधुनिक एवं नवीन रूप है। वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं का प्रमुख उद्देश्य छात्रों के मस्तिष्क (योग्यताओं) का यथार्थ, शुद्ध व सम्पूर्ण शोधन (मापन) करना है। यह परीक्षा उद्देश्य केन्द्रित होती है तथा इसे हर प्रकार से वैध एवं विश्वसनीय बनाने का प्रयास किया जाता है। इसमें छात्रों का मूल्यांकन वैज्ञानिक, निष्पक्ष एवं वस्तुनिष्ठ होता है।