भौगोलिक भ्रमण का शिक्षा में स्थान || Place of geographical excursion in education
भौगोलिक भ्रमण का शिक्षा में महत्व भूगोल शिक्षण का शिक्षा में अत्यन्त महत्त्वपूर्ण स्थान है। प्रसिद्ध शिक्षाशास्त्री डॉ० डी०सी० मिश्रा के अनुसार-
(1) इससे छात्रों में स्वानुशासन की भावना विकसित होती है।
(2) छात्र देश एवं विश्व के विभिन्न भागों के निवासियों के मानव जीवन एवं उनके रहन-सहन से परिचित हो जाते हैं। इससे उनमें विश्व बन्धुत्व की भावना जागृत होती है।
(3) ये भूगोल संग्रहालय की स्मृद्धि में सहायक हैं।
(4) इससे छात्रों में उत्तरदायित्व वहन करने की क्षमता का विकास होता है।
(5) स्वस्थ मनोरंजन के साथ-साथ ये छात्रों के भौगोलिक ज्ञान के अभिवृद्धि करते हैं।
(6) विभिन्न भौगोलिक समस्याओं के समाधान हेतु अवसर प्रदान करते हैं, जैसे-छात्र चेरापूँजी में पर्वत श्रृंखलाओं की स्थिति का निरीक्षण कर स्वतः यह निष्कर्ष निकाल लेते हैं कि वहाँ पर बंगाल की खाड़ी से उठने वाली मानसूनी हवाएँ यहाँ की पर्वत श्रृंखलाओं से टकराकर घनघोर वर्षा करती हैं।