दूरदर्शन का सामाजिक विज्ञान शिक्षण में महत्व || Importance of Doordarshan in teaching social sciences

दूरदर्शन का सामाजिक विज्ञान शिक्षण में महत्व

(1) सम्पूर्ण दूरदर्शन शिक्षा के रूप में- यहाँ शिक्षक को हटा दिया जाता है। 

(2) दूरदर्शन एक पूरक साधन के रूप में- इसमें दूरदर्शन को एक पूरक शिक्षण साधन के रूप में प्रयुक्त करते हैं। 

(3) दूरदर्शन एक सहायक उन्नत साधन के रूप में पाठ योजनाओं को प्रभावशाली समृद्ध करने के लिए विधि के रूप में दूरदर्शन प्रयुक्त करते हैं।


सामाजिक विज्ञान शिक्षण में दूरदर्शन के दोष


दूरदर्शन के दोष

(i) हर चीज पर्दे पर दिखाई पड़ने के कारण कल्पना करने एवं सोचने की आवश्यकता न पड़ने पर छात्र निष्क्रिय हो जाते हैं।

(ii) श्रृंखलाबद्ध विचारों का विकास नहीं होता है। 

(iii) इसमें ज्ञान का पुनर्बलन सम्भव नहीं है। 

(iv) इसमें छात्र की मानसिक स्थिति का ज्ञान अधिगम, क्षमता के अनुरूप नहीं होता है।


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