सामाजिक विज्ञान शिक्षण में मूल्यांकन का महत्व || Importance of Assessment in Teaching of Social Sciences
सामाजिक विज्ञान शिक्षण में मूल्यांकन करते समय शिक्षक का दृष्टिकोण निम्न प्रकार से होता है-
अध्यापक के दृष्टिकोण से-
(1) मूल्यांकन द्वारा अध्यापक को ज्ञात हो जाता है कि उसे अपने शिक्षण कार्यों द्वारा शिक्षा उद्देश्यों को कितना और पूर्ण करना है?
(2) अध्यापक को यह भी ज्ञात हो जाता है कि उसका शिक्षण कहाँ तक सफल रहा है?
(3) छात्रों की योग्यताओं और उपलब्धियों के आधार पर वर्गीकरण सरलता में किया जा सकता है।
(4) मूल्यांकन द्वारा पाठ्यक्रम निर्धारण में भी सुविधा रहंती है।
छात्रों के दृष्टिकोण से-
(1) मूल्यांकन द्वारा विद्यालय अपने उद्देश्य की प्रगति का ज्ञान प्राप्त करता है।
(2) विद्यालय को यह ज्ञात होता है कि अध्यापकों का क्या श्रम और स्तर है तथा प्रधान अध्यापक की क्या व्यवस्था है।
(3) विद्यालय मूल्यांकन के आधार पर शिक्षण की विभिन्न सुविधाएँ जुटाता है।