अल्पकालिक स्मृति - Short Term Memory
अल्पकालिक स्मृति में सूचनायें बहुत कम समय के लिए भण्डारित हो पाती हैं। इस प्रकार की स्मृति में वर्तमान काल की ओर तात्कालिक रूप से ग्रहण की गई सूचनाएँ होती हैं। इस प्रकार की स्मृति के अनेक नाम हैं-
(1) कार्यकारी स्मृति
(2) सक्रिय स्मृति
(3) तात्कालिक स्मृति
(4) प्राथमिक स्मृति
अल्पकालिक स्मृति से सम्बन्धित उपर्युक्त चारों पदों का उपयोग पर्यायवाची शब्दों के रूप में किया जा सकता है और किया जाता है। वाचिक अधिगम के क्षेत्र में अधिगम के तुरन्त -बाद सामग्री का प्रत्याह्वान से सम्बन्धित जो स्मृति होती है, उसे तात्कालिक स्मृति कहते हैं। एक प्रयोज्य अपनी स्मृति में एक समय में एक साथ जितनी इकाइयों को संचित रखकर प्रत्याह्नान कर सकता है, उसे तात्कालिक स्मृति विस्तार कहते हैं।
अल्पकालिक स्मृति और तात्कालिक स्मृति शब्द यद्यपि पर्यायवाची हैं फिर भी दोनों एक-दूसरे से भिन्न हैं। यदि देखा जाये तो कहा जा सकता है कि तात्कालिक स्मृति अल्पकालिक स्मृति से पहले होती है और यह भी कहा जा सकता है किं तात्कालिक स्मृति अल्पकालिक स्मृति का भाग होती है।
तात्कालिक स्मृति विस्तार से व्यक्ति की बुद्धि का अनुमान लगाया जा सकता है। यह विस्तार जितना ही अधिक होता है व्यक्ति उतना ही बुद्धिमान होता है। सूचना प्रकरण उपागम में इस विस्तार को चैनल क्षमता के नाम से जाना जाता है। जार्ज, मिलन ने चैनल क्षमता पर किये गये प्रयोग के आधार पर यह बताया कि व्यक्ति एक साथ 7 इकाइयाँ 12 इकाइयाँ अपनी तात्कालिक स्मृति में रखता है। अर्थात् उसके तात्कालिक स्मृति का विस्तार 7-2-5 से लेकर 7+2=9 तक होता है।