मनोभौतिकी की समस्याएं - Problems of psychophysics
मनोभौतिकी की प्रमुख समस्याएं निम्नलिखित हैं-
(1) उद्दीपक देहली या निरपेक्ष देहली-
किसी भी अनुक्रिया के होने के लिए उद्दीपक के कम से कम वह मात्रा प्रस्तुत की जानी आवश्यक है जिसका प्रत्यक्ष प्रयोज्य द्वारा हो सके। कॉ उद्दीपक इस न्यूनतम से भी कम मात्रा का हो तो उसका उद्दीपक गुण ही गृहीत नहीं होगा। अतः कोई भी अनुक्रिया उत्पादन करने में यह असमर्थ रहेगा।
(2) भिन्नता देहली-
किसी भी उद्दीपक की मात्रा घटाने या बढ़ाने से उसके द्वारा उत्यक अनुक्रिया पर भी प्रभाव पड़ता है। उद्दीपक की कितनी मात्रा बढ़ाई या घटाई जाय कि उद्दीपक में भिन्नता की अनुभूति हो सके, इसका मापन भी भिन्नता देहली का मापन कहलाता है।
(3) उद्दीपक समानता -
मनोभौतिक की यह समस्या है कि दो उद्दीपकों में कितनी भौतिकी भिन्नता उनकी संज्ञानात्मक समानता के लिए आवश्यक है। म्यूलर लायर भ्रम में उद्दीपक को समानता का अध्ययन किया जाता है एवं इसके लिए प्रभावी सभी कारणों की समीक्षा की जाती है।
(4) कोटि निर्धारण -
प्रयोज्य के सामने यदि भिन्न-भिन्न उद्दीपकों को प्रस्तुत किया जाय और उसे एक क्रम में वर्गीकृत करने को कहा जाय तो प्रयोज्य उद्दीपकों के मूल्य के आधार पर उन्हें प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी आदि में रखता है।
(5) समान मध्यान्तर-
ज्ञानेन्द्रियों द्वारा प्राप्त सभी उद्दीपकों को यदि उनकी विशेषता के आधार पर वर्गीकृत किया जाए तो. यह समस्ता सामने आती है।
(6) तुल्य समानुपात की समस्या
मापनों के लिए यह निर्धारित करना आवश्यक होता है कि दो बिन्दुओं के बीच समान दूरी हो। इसके लिए सर्वप्रथम शून्य बिन्दु का निर्धारण करना आवश्यक होता है क्योंकि इसी बिन्दु से अन्य अनुपात स्थिर किए जा सकते हैं। भौतिक विज्ञानों में यह शून्य निश्चित किया जा सकता है किन्तु मनोवैज्ञानिक व्यवहारों के मापन में उसका निर्धारण कठिन होता है।