प्रायोगिक अभिकल्प - Experimental Design
मनोविज्ञान अध्ययनों के लिए अनेक अभिकल्प हैं। नीचे कुछ अभिकल्पों के श्रम हैं। इनमें से प्रत्येक अभिकल्प के अन्तर्गत कई प्रकार के अभिकल्प होते हैं।
(1) साधारण अभिकल्प
(2) कमजोर अभिकल्प
(3) समृद्ध अभिकल्प
(4) नवरत्न अभिकल्प
(5) प्रकारान्तर अभिकल्प
(6) जटिल अभिकल्प
(7) कारक अभिकल्प
(8) प्रक्रियात्मक अभिकल्प
'डी' अमेटो ने प्रयोगात्मक अभिकल्पों को दो भागों में बाँटा है-
(1) एक समूह या अन्दर प्रयोज्य अभिकल्प,
(2) अलग समूह या मध्य प्रयोज्य अभिकल्प।
(अ) एक समूह अथवा अन्दर समूह अभिकल्प-
इस प्रकार के अभिकल्प में प्रयोज्यों का केवल एक समूह होता है और इसी एक समूह पर स्वतन्त्र चर के दो या अधिक मूल्यों को प्रशासित किया जाता है।
स्वतन्त्र चर के प्रत्येक मूल्य के प्रभाव में आश्रित चर प्राप्तांक नोट किये जाते हैं। फिर विभिन्न प्रयोगात्मक अवस्थाओं में प्राप्त आश्रित चर प्राप्तांकों की तुलना कर स्वतन्त्र चर के परिवर्तन के प्रभावों को ज्ञात किया जाता है या मूल्यांकन किया जाता है।
संक्षेप में एक समूह अभिकल्प में एक ही प्रकार के प्रयोज्यों का भिन्न-भिन्न प्रयोगात्मकअवस्थाओं में अध्ययन करते हैं और इस प्रकार अध्ययन द्वारा प्रयोगात्मक अवस्था प्रभावों को नोट किया जाता है।
(ख) अलग समूह अभिकल्प अथवा मध्य समूह प्रयोज्य अभिकल्प इस प्रकार अभिकल्प के नाम से ही स्पष्ट है कि इसमें एक से अधिक समूह होते है। इस अभिय स्वतन्त्र चर के प्रत्येक मूल्य के लिए या प्रत्येक प्रयोगात्मक परिस्थिति के लिए एक समूह का प्रयोग किया जाता है।
फिर प्रत्येक समूह के आश्रित चर प्राप्तांक के मध्यमान आधार पर विभिन्न समूहों के कार्य सम्पादन के अन्तर की सार्थकता ज्ञात कर स्वतन्त्र र परिवर्तनों के प्रभावों का अध्ययन किया जाता है।