शाब्दिक अधिगम की प्रायोगिक सामग्री - Practical Material for Lexical Learning
वाचिक या शाब्दिक अधिगम सामग्रियों को इनकी विशेषता के आधार पर इस प्रकार रखते हैं-
(1) सार्थक सामग्री
(2) निरर्थक सामग्री
(3) संरचित अनुक्रम वाले सार्थक एवं निरर्थक वाद
1. सार्थक सामग्री या सार्थक पद-
इसके अन्तर्गत ऐसी सामग्रियाँ या पद का उपयोग किया जाता है जिनका कोई शाब्दिक अर्थ होता है। जैसे वस्तुओं के नाम, कविताएँ, कहानियाँ इत्यादि। ग्लेज ने निरर्थक पदों के साहचर्य मूल्यों का मापन करके बताया कि निरर्थक पदों में यूनाधिक मात्रा में सार्थकता विद्यमान रहती है। वाचिक अधिगम में तब से सार्थक पदों का भी उपयोग प्रायोगिक अध्ययन में किया जाने लगा।
2. निरर्थक सामग्री का निरर्थक पद-
हरमन एलिंगहास ने सर्वप्रथम निरर्थक पदों का निर्माण कर इन पर प्रायोगिक अध्ययन किया। इन्होंने 2300 निरर्थक पदों की रचना व्यंजन- स्वर-व्यंजन के रूप में की। ऐसी सूची में से निरर्थक पदों को लेकर वाचिक अधिगम का प्रयोग किया। आइजेक्सन ने बताया कि निरर्थक पद कृत्रिम शाब्दिक इकाइयाँ हैं, जो पूर्णतया सार्थक नहीं होती हैं बल्कि प्राकृतिक शाब्दिक इकाइयों की अपेक्षा बहुत कम अर्थ रखती है। इसका साहचर्य मूल्य हो सकता है लेकिन शब्द कोषीय अर्थ नहीं होता। इनका निर्माण प्रायः व्यंजन-स्वर-व्यंजन के रूप में होता है।
3. संरचित अनुक्रम वाले सार्थक और निरर्थक पद- इस प्रकार के पद व सम्बद्ध पदों की सूची होती है। पहले शाब्दिक या वाचिक अधिगम में पद्यांशों किया जाता था। इसमें पद के परस्पर सम्बन्धित होने के कारण संरचित सूची प्रस्तुत की जाती है।