प्रयोगात्मक मनोविज्ञान का महत्व - Importance of experimental psychology
प्रयोगात्मक मनोविज्ञान का महत्त्व अत्यधिक है क्योंकि इसकी विषय सामग्री प्रयोगात्मक विधि की सहायता से किये गये अध्ययनों से प्राप्त होती है। यह पहले ही बताया जा चुका है कि प्रयोगात्मक विधि एक श्रेष्ठ वैज्ञानिक विधि है। अतः इस विधि द्वारा किये गये अध्ययनों के परिणाम विश्वसनीय, वैध, वस्तुनिष्ठ, सार्वभौमिक एवं पुनः सत्यापन योग्य आदि होते हैं।
पाठकों को चाहिए कि इस मनोविज्ञान के महत्त्व को समझने से पहले प्रयोगात्मक विधि के महत्त्व का अध्ययन करें। स्पष्ट है कि प्रयोगात्मक मनोविज्ञान त्की मनोविज्ञान में महत्ता केवल इसकी वैज्ञानिक विशेषता के कारण है। प्रयोगात्मक मनोविज्ञान की महत्ता निम्न कारणों से हैः
(1) मनोविज्ञान की विभिन्न शाखाएँ एक-दूसरे से परस्पर सम्बन्धित ही नहीं हैं वरन् वह एक-दूसरे पर किसीर भी करनी हैं। प्रयोगात्मक मनोविज्ञान इन शाखा ओं को वैज्ञानिकता की ओर ले जाने वाली मशाल है।
(2) प्रयोगात्मक मनोविज्ञान का अध्ययन विद्यार्थियों को वैज्ञानिक विधि द्वारा आधयन करना ही नहीं सिखाता है वरन् यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने में भी सहायक है
(3) पिछले लगभग 60 वर्षों में मनोविज्ञान के स्वरूप और विषय-वस्तु में जो विशाल वृद्धि हुई है, उसका प्रमुख श्रेय प्रयोगात्मक मनोविज्ञान को ही है।
आधुनिक युग में मनोविज्ञान के प्रत्येक क्षेत्र में इस मनोविज्ञान को महत्त्व मिल रहा है। केवल महत्त्व ही नहीं बल्कि इसकी सहायता से अनेक जटिल एवं महत्वपूर्ण समस्याओं का अध्ययन किया गया है, किया जा रहा है और भविष्य में भी इसी प्रकार का अध्ययन किये जाने की संभावना है।